मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नये कार्यकाल की पहली कैबिनेट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र पर जमकर बरसे और कहा कि वित्त आयोग की सिफारिश के बहाने राज्यों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिश से बिहार को नुकसान होगा। इससे विकास के काम रुक जाएंगे।
श्री कुमार ने कहा कि इस सिफारिश से विकसित राज्यों को फायदा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में आयोग की सिफारिशों की चर्चा करते हुए इसे संघीय लोकतंत्र के अनुरूप् बताया था, जबकि इसकी गहराई से अध्ययन के बाद स्पष्ट हुआ कि यह गरीब राज्यों के साथ छलावा है। आयोग के सदस्य ने भी इसके खतरे को लेकर सचेत किया था। सीएम ने कहा कि केंद्र बिहार को होने वाले नुकसान की भरपाई करे और इसके लिए अलग से मदद की व्यवस्था करे।
उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार बिहार को केंद्र से 9.6 फीसदी धन मिलेगा। यह 13 वें वित्त आयोग के 10.9 फीसदी की सिफारिश से कम है। इसके साथ ही अब केंद्र द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लिए मिलने वाले पैसे में भी कमी होने वाली है। इससे बिहार का विकास प्रभावित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि टैक्सों से जमा होने वाले पैसे का आधा हिस्सा राज्यों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग अभी भी जारी है। सीएम ने कहा कि बिहार को उचित पैसा नहीं मिलने पर वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं।