चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) के लाभ के पद मामले में फंसे 21 विधायकों को सुनवाई के लिये 14 जुलाई को बुलाया है। आयोग की तरफ से आज दी जानकारी के अनुसार इन विधायकों को 14 जुलाई को आयोग के सामने पेश होने के लिये कहा गया है। इन विधायकों की सदस्यता पर तलवार लटकी हुई है।
अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले साल मार्च में इन 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था। इसके खिलाफ वकील प्रशांत पटेल ने याचिका दायर की थी। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इन विधायकों को संसदीय सचिव बनाये जाने की मंजूरी के लिये दिल्ली सरकार द्वारा विधान सभा में पारित विधेयक को मंजूरी दिये बिना लौटा दिया है। सरकार ने विधायकों की संसदीय सचिव के रूप में नियुक्ति मार्च 2015 में की थी, जबकि इसके लिये कानून में जरूरी बदलाव संबंधी विधेयक जून 2015 में विधान सभा से पारित कराया था। इन विधायकों में अल्का लांबा, जरनैल सिंह (राजौरी गार्डन) आदर्श शास्त्री, नरेश यादव, प्रवीण कुमार, राजेश रिषि, राजेश गुप्ता, नितिन त्यागी, विजेन्द्र गर्ग, अवतार सिंह, शरद चौहान, सरिता सिंह, संजीव झा, सोमदत्त, शिव चरण गोयल, अनिल कुमार वाजपेयी, मनोज कुमार, मदन लाल, सुखबीर दलाल, कैलाश गहलोत और जरनैल सिंह (तिलक नगर) शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस इन विधायकों की सदस्यता निलंबित किये जाने की लगातार मांग कर रहे हैं। कांग्रेस ने विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर कल उन सभी 21 विधानसभा क्षेत्रों में धरना- प्रदर्शन किया था जहां से ये चुने गये हैं।