सुप्रीम कोर्ट ने आज शशिकांत शर्मा की भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट में दाखिल करने को कहा है.
प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे उच्च न्यायालय से संपर्क करें, जो इस मामले से निपटने में समान रूप से सक्षम है.
यह याचिका पूर्व निर्वाचन आयुक्त एन गोपालस्वामी और पूर्व नौसेना प्रमुख एड़मिरल (सेवानिवृत्त) आर एच ताहिलियानी ने दायर की थी.
याचिका में यह कहते हुए शर्मा की नियुक्ति को रद्द करने की बात कही गयी थी कि कि यह नियुक्ति चयन की किसी निर्धारित नियम या प्रक्रिया के बिना की गयी है.
याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय से केंद्र सरकार को यह निर्देश दिए जाने की भी अपील की थी कि केंद्र एक तय प्रक्रिया पर आधारित पारदर्शी चयन प्रक्रिया के तहत निष्पक्ष चयन समिति का गठन करे, और योग्यतम व्यक्ति को कैग नियुक्त करे.
ये याचिका कुल नौ लोगों न मिल कर दायर की थी इनमें पूर्व नौसेना प्रमुख (सेवानिवृत्त) एल रामदास, पूर्व उप कैग बी पी माथुर, कमलकांत जायसवाल, रामास्वामी आर अय्यर, ईएएस सरमा, विभिन्न सरकारी मंत्रालयों के पूर्व सचिव, इंडियन ऑडिट एंड एकाउंट सर्विस के पूर्व अधिकारी एस कृष्णन और पूर्व आईएएस अधिकारी एम जी देवास्हयाम शामिल हैं.