चाणक्य नेशनल लॉ युनिवर्सिटी में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नामांकन के खिलाफ सोशल मीडिया पर चले कम्पेन के बाद युनिवर्सिटी प्रबंधन इसकी जांच कराने पर तैयार हो गया है.
विश्वि विद्यालय की तरफ से शिकायतकर्ता अविनाश कुमार गुप्ता की शिकायत के जवाब में नौकरशाही डॉट इन को प्राप्त ईमेल में युनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. एसपी सिंह ने इस बात का आश्वासन दिया है कि युनिवर्सिटी में नामांकन की अंतिम घोषणा प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद ही की जायेगी.
ध्यान रहे कि अविनाश कुमार गुप्ता ने नौकरशाही डॉट इन को भेजे एक ईमेल में आरोप लगाया था कि सामान्य वर्ग के छात्र का नामांकन अत्यंत पिछड़ा वर्ग के कोटे पर ले लिया गया है. इसके लिए संबंधित छात्र/छात्रा ने फर्जी दाति प्रमाण पत्र जमा कराया है.
इस मेल के जवाब में चाणक्य नेशनल लॉ युनिवर्सिटी के कुलसचिव ने 14 जुलाई को एक ईमेल भेजा है( इसकी प्रति) नौकरशाही डॉट इन के पास उपलब्ध है, इसमें कुल सचिव ने साफ कहा है कि उल्लेखित छात्र का नामांकन उसके द्वारा प्रस्तुत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर औपबंधिक रूप से किया गया है.
यह प्रमाण पत्र बिहार सरकार के संबंधित अधिकारी द्वारा जारी किया गया है. इस प्रोविजनल एडमिशन के बाद, प्रमाण पत्रों को संबंधित अधिकारी, जिसने जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया है, को सत्यापन के लिए भेजा जा रहा है.
सक्षम पदाधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद ही आरक्षित समूह के छात्रों का नामांकन अंतिम रूप से घोषित किया जायेगा.
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