चुनाव प्रचार में मिल रहे भारी समर्थन से उत्साहित मीसा भारती ने इर्शादुल हक को दिये साक्षात्कार में कहा कि जनता को तय करना है कि वह समाज को तोड़ने वालों का साथ देगी या जोड़ने वालों के साथ जायेगी.
मीसा ने फेसबुक पर हुए संक्षिप्त चैटिंग में कहा कि वह पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में लगातार चुनाव प्रचार कर रही हैं और लोगों में भारी उत्साह है. उन्होंने कहा कि हम साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं.
डा. मीसा भारती लालू प्रसाद यादव की बेटी हैं और राष्ट्रीय जनता दल ने पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से उन्हें मैदान में उतारा है. मीसा पिछले दिनों अचानक तब सुर्खियों में आयीं जब पार्टी ने उन्हें पाटलिपुत्र से उम्मीदवार बनाया.
मीसा से हुई संक्षिप्त चैटिंग के सम्पादित अंश
मीसा जी बतायें.. लोगों मे कैसा रिस्पांस है ?
मीसा : लोगो में खाफी उत्साह हैआप उन्हें क्या कह रही हैं, उनके उत्साह का क्या कारण है?
मीसा: ये चुनाव दो विचारधाराओं(में से एक) का चुनाव है और फैसला आपके( वोटरों के) हाथ में हैतो क्या आपको लगता है कि वह विचारधारा जो समाज को बांटती है, उसकी हार होगी?
बिलकुल. हमारी विचारधारा भाईचारे की है और हमें सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ना है.ओके तो साम्प्रदायिकता के आधार पर समाज बांटने की कोशिश किस हद तक सफल होगी, जैसा कि अभी माहौल है?
मीसा: जनता की सोच पे निर्भर करेगा की सांप्रदायिकत के खिलाफ लड़े ” या सांप्रदायिक का साथ दे ”चाचा रामकृपाल भी मैंदान में हैं.
मीसा: चाचा भतीजी के लड़ाई नहीं, विचारधराओं कि लड़ाई है.
मीसा भारती को उम्मीदवार बनाये जाने के बाद पार्टी के तत्कालीन महासचिव और वरिष्ठ नेता रामकृपाल यादव ने मीसा को उम्मीदवार बनाये जाने का विरोध करते हुए पार्टी के तमाम पदों से इस्तीफा दे दिया.
रामकृपाल खुद राजद के टिकट से पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे. हालांकि यह विवाद काफी बढ़ा तो मीसा ने उन्हें अपना ‘चाचा’ कह कर संबोधित किया और रामकृपाल के पक्ष में चुनाव मैदान से हटने की पेशकश की लेकिन रामकृपाल ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया.
जब मीसा से पूछा गया कि आप चाचा रामकृपाल के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. इसके जवाब में
मीसा कहती हैं कि यह लोकसभा की जंग है. यह दो विचारधाराओं की लड़ाई है न कि चाचा भतीजी की लड़ाई है.
मीसा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम साम्प्रदायिकता खिलाफ लड़ रहे हैं. हम उन शक्तियों के खिलाफ लड़ रहे हैं जो समाज को बांटना चाहती हैं. वह आगे कहती हैं हमारी विचारधारा भाईचारे की विचारधारा है और हम बिल्कुल जीतेंगे क्योंकि लोग समाज तोड़ने वालों का साथ नहीं देना चाहते. हालांकि उन्होंने कहा कि यह लगों की सोच पर निर्भर करेगा कि वे साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़े या साम्प्रदायिकता का साथ दे.
मीसा, अपनी उम्मीदवारी की घोषणा होते ही प्रचार अभियान में जुटी हैं. वह लगातार क्षेत्र का दौरा कर रही हैं और लोगों से मिल रही हैं.
उनके साथ राष्ट्रीय जनता दल की अनेक महिला नेता भी लगातार चुनाव प्रचार में शरीक रहती हैं. इनमें कंचन बाला भी हैं. कंचन कहती हैं कि हम लगातार लोगों से मिल रहे हैं और लोगों में मीसा भारती के प्रति गजब का उत्साह है. वह कहती हैं कि इस चुनाव में रामकृपाल यादव के प्रति लोगों में काफी नाराजगी है जबकि रंजन यादव का तो कहीं अता-पता भी नहीं है.
मालूम हो कि रामकृपाल यादव भारतीय जनता पार्टी के टिकट से चुनाव मैदान में हैं जबकि रंजन यादव जनता दल यू के उम्मीदवार घोषित किये गये हैं. रंजन यादव पाटलिपुत्र से जद यू के सीटिंग एमपी भी है.