मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि छात्रवृत्ति घोटाला की निगरानी विभाग जांच कर रहा है और इसमें प्रशासनिक और आपराधिक जिम्मेवारी तय कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी । श्री कुमार ने विधानसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के हंगामे के बाद कहा कि अनुसूचित जाति – जनजाति विभाग की ओर से राज्य के मैट्रिक उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी । प्रथम दृष्टया इसमें गड़बड़ी पायी गयी है और इसकी निगरानी विभाग जांच कर रही है ।
विधान सभा में सीएम ने कहा
उन्होंने कहा कि जांच में गड़बड़ी करने वालों की जिम्मेवारी का निर्धारण कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार लोगों पर सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही का ही नहीं, बल्कि आपराधिक मुकदमा भी चलाया जायेगा । उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। इससे पूर्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौ सदस्यों ने इसी मुद्दे को लेकर कार्यस्थगन का प्रस्ताव दिया था, जिसे सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने नियमानुकूल नहीं पाते हुए अमान्य कर दिया । इस पर प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने कहा कि छात्रवृत्ति योजना में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है । इसकी केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जांच करायी जानी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं में जिलों को राशि नहीं भेजी जा रही है। मुख्यमंत्री सदन में मौजूद है उन्हें इसपर जवाब देना चाहिए । इसके बाद भाजपा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सदस्य अपनी सीट से ही नारे लगाने लगे । इस पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जो प्रश्न उठा रहे हैं ,यदि उसे वह कार्य संचालन नियमावली के तहत सदन में लाते तो सरकार इसका जवाब देती और इससे जनता को भी लाभ होता, लेकिन इनका मकसद जनहित नहीं बल्कि हंगामा करना है। वह इसके जरिये सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं।