रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 के रेल बजट में रेल तंत्र के विस्तार और क्षमता बढाने पर जोर देते हुए आम आदमी और दैनिक यात्रियों के हितों की रक्षा की गयी है। श्री प्रभु ने संसद में रेल बजट पेश के करने के बाद संसद परिसर में संवाददाताओं को दी अपनी त्वरित प्रतिक्रिया में कहा कि रेल के सामने चुनौतियां बहुत बडी है और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का भार है। सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद रेल बजट में चुनौतियों का निदान और आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास किया गया है।
रेलमंत्री ने कहा कि वित्तीय संसाधनों की कमी के बावजूद इस वर्ष रेल बजट में एक लाख 36 हजार करोड़ रुपए का इजाफा किया है। इसका इस्तेमाल रेल तंत्र का विस्तार और क्षमता बढ़ाने में किया जाएगा, जिससे गति और संरक्षा तथा सुरक्षा में वृद्धि होगी। रेल के संपूर्ण एवं समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय रेल योजना बनाई जाएगी। श्री प्रभु ने कहा कि रेल सेवाओं को नए क्षेत्रों में ले जाने की योजनाएं शुरु की गयी है और क्षमता बढ़ाने के विशेष प्रावधान किए गए हैं। रेल बजट से रेल नए क्षेत्रों में जाएगीं और उन लोगों को रेल यात्रा का अवसर मिलेगा जो इससे वंचित रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश की रेल जरुरतों के ध्यान में रखकर तैयार किए गए इस रेल बजट में माल परिवहन पर विशेष जोर दिया गया है। देश के कुल माल परिवहन में रेल की हिस्सेदारी दो तिहाई है और इसमें लगातार गिरावट आ रही है। रेल बजट बजट इसका निदान किया गया है आैर नए माल परिवहन गलियारे बनाने का प्रस्ताव किया गया है। राज्यों साथ मिलकर रेल तंत्र बढ़ाने का जिक्र करते हुए उन्हाेंने कहा कि इससे रेल को नया स्वामित्व मिलेगा।