मै एक डॉक्टर हूँ।जब भी मेरे मन में लालच कौंधत है, पैसे के प्रति मोह जागता है तो डॉ ए. के सेन की याद मुझे उससे लालच से बचाती है। उन्होंने जीवन भर समाज के लिए काम किया और जितनी संस्थाओं का निर्माण किया उसकी मिसाल नही है।
हमें उनकी याद में उन सभी संस्थाओं को सक्रिय करना है जो उन्होंने अपने जीवन काल मे निर्मित किये।” ये बातें सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ सत्यजीत ने डॉ ए. के सेन जनशताब्दी समारोह पर आयोजित ‘ए.के.सेन होने का मतलब’ विषय पर आयोजित समारोह में अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए कहा।
समारोह पटना के आई. एम.ए में आयोजित ‘भारतीय सांस्कृतिक सहयोग व मैत्री संघ ‘ (इसकफ़ )और अभियान सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा। “डॉ ए के सेन एक व्यक्ति नहीं संस्था थे। वे मरीजों के दुख को अपना दुख समझते थे। जबतक पुर्जे पर जगह रहती थी, तबतक वे मरीजों से दुबारा पैसा नहीं लेते थे। ” उक्त बातें सुप्रसिद्ध डॉ एस एन आर्या ने डॉ ए के सेन जन्मशताब्दी समारोह को सम्बोधित करते हुए कही।
जन्मशताब्दी समारोह अभियान सांस्कृतिक मंच और इसकफ़ के द्वारा आयोजित समारोह(डॉ ए के सेन होने का मितलब) को सम्बोधित करते हुए श्री आर्या ने कहा कि ए के सेन अपने मरीजों के लिए भगवान थे। आई एम ए के चेयरमैन सहजानन्द ने कहा ” ए के सेन होने का मतलब है कि अपने प्रेक्टिस को ईमानदारी से करना। आई एम ए के निर्माण में उनकी प्रमुख भूमिका थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुप्रसिद्ध डॉ सत्यजीत ने कहा कि ए के सेन मरीजों के इमोशन के साथ जुड़ते थे। वे हमारे भाइयों के लिए गॉडफादर थे। डॉ सेन राजनीति, साहित्य और समाजिक विषयों पर बातचीत करते थे। सत्यजीत ने कहा कि डॉ सेन हमारे जैसे युवाओं को अच्छा डॉक्टर बनने में मदद दी। देश दुनिया में शांति स्थापना हेतु डॉ सेन ने आईडीपीडी नामक डॉक्टरों का संगठन बनाया।
पटना कॉलेज के पूर्व प्रचार्य प्रो0 एन के चौधरी ने कहा कि डॉ ए के सेन प्रगतिशील लोगों को जोड़ कर रखते थे तथा कही भी संगठन निर्माण में लगे रहते थे। एन के चौधरी ने कहा कि सेन साहब का जीवन ही हम सब के लिए सन्देश है। वे हमेशा युवाओं को प्रोत्साहित करते रहते थे।
आई एम ए के उपाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कहा कि मैंने डॉ सेन के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर वामपंथ की तरफ जुड़ने का फैसला किया। आईएमए इस साल डॉ सेन की जन्मशताब्दी वर्ष मनाएगा तथा स्वास्थ पर मिलेनियम डेवलपमेंट गोल निर्धारित किया है उसे पूरा करने का प्रयास आई एम ए करेगा।
सुप्रसिद्ध डॉ राजीव रंजन ने डॉ ए के सेन जन्मशताब्दी समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि सेन साहब हमारे चिकित्सा जगत के गुरु थे। आज जब व्यक्ति की पहचान जाती से होती है उस समय डॉ सेन याद आते है जिन्होंने जाति और धर्म के विरोध कर्म प्रधान समाज बनाया। उन्होंने कहा कि डॉ सेन मानव रूप में चलता फिरता एक फरिस्ता था जिसका जीवन मरीजों के लिए समर्पित था। राजीव रंजन ने कहा कि वे हम सब डॉ से अलग थे जो जीवन संस्थाओं के निर्माण में लगा दिया। समाजिक कार्यकर्ता अरविंद सेन ने कहा कि आज जब समाज जातियों और धर्मो में बटा हुआ है उस समय मे डॉ सेन ज्यादा याद आते है जिन्होंने समतामूलक समाज बनाने में अपना जीवन लगा दिया।जनकवि आलोकधन्वा ने डॉ सेन जन्मशताब्दी समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ सेन डॉ होने के साथ साथ सामाजिक गतिविधियों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते थे। वे मुंगेर में आई बाढ़ में बढ़ चढ़ कर भाग लिया तथा राहत सामग्री पहुचाई। रामबाबू ने कहा कि वे एक अच्छे डॉक्टर होने के साथ साथ एक अच्छे कम्युनिस्ट थे।
हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि अरुण कमल ने कहा कि डॉ सेन होने का मतलब है कि हम अपने काम को ईमानदारी और निष्ठा से करे, और दूसरों की मदद करे। अरुण कमल ने कहा कि आज बिहार की जितनी संस्था है उनकी ऋढ़ी है लेकिन आज हमारा समाज अपने पुरखों को भूलता जा रहा है।डॉ ए के सेन के निकटतम सहयोगी अब्दुल मन्नान ने डॉ ए के सेन के जीवन को निकटता से प्रकाश डालते हुए कहा कि वे एक ऐसे डॉ थे जिन्होंने हमेशा इंसानियत की पूजा की तथा मरीजों का इलाज ईमानदारी से किया।
अभियान सांस्कृतिक मंच और भारतीय सांस्कृतिक-सहयोग एवं मैत्री संघ द्वारा आयोजित डॉ ए के सेन जन्मशताब्दी समारोह में सर्वप्रथम मैत्री-शांति नामक एक पत्रिका का विमोचन डॉ एस एन आर्य, डॉ सत्यजीत, डॉ अजय कुमार, डॉ सहजानन्द,डॉ राजीव रंजन, कवि आलोकधन्वा, प्रो0 एन के चौधरी, डॉ इन के सिंह और रमेश जी के द्वारा किया गया। इस जन्मशताब्दी समारोह को प्रो0 विनय कंठ, डेजी नरायण, रंगकर्मी वीनू, रमेश कुमार आदि ने भी सम्बोधित किया।
। आई एम ए हॉल में आयोजित डॉ ए के सेन जन्मशताब्दी समारोह में रूपेश जी, अनिल कुमार राय, गालिब खान,प्रभात सरसिज,अक्षय जी,अभिनेता रमेश कुमार, रविंद्र कुमार राय मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन अनीश अंकुर और धन्यबाद ज्ञापन डॉ हर्षवर्धन ने किया।