बिहार के मुजफ्फरपुर के आलोक वर्मा ने सोमवार को दिल्ली के पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल ली है. वर्मा ने ऐसे कठिन समय में यह जिम्मेदारी संभाली है जब दिल्ली पुलिस जेएनयू विवाद पर चौतरफा आलोचना झेल रही है.
1979 बैच के आईपीएस अधिकारी वर्मा ने बीएस बस्सी की जगह ली है। 58 वर्षीय वर्मा ने इतिहास में एमए की डिग्री ली है.
बीएस बस्सी 29 फरवरी को दिल्ली के आयुक्त पद से रिटायर हो गये हैं. बस्सी का कार्यकाल काफी विवादों से घिरा रहा. दिल्ली की आप सरकार के साथ पिछले डेढ़ वर्षों से बीएस बस्सी के रिश्तों में खटास रहा है.
दिल्ली के नये पुलिस कमिशनर आलोक वर्मा एजीएमयूटी (अरूणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) के अधिकारी हैं. वह तिहाड़ जेल के महानिदेशक के रूप में काम कर रहे थे।
वह पुलिस (प्रशासन) में विशेष आयुक्त के रूप में सेवाएं भी दे चुके हैं. वर्मा छह अगस्त 2014 को तिहाड़ के महानिदेशक बनाये गये थे। वह अगले 17 माह तक इस पद पर सेवा देंगे.
वर्मा की प्राथमिकतायें
इससे पहले भी वर्मा दिल्ली पुलिस में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इन पदों में दक्षिण जिले में पुलिस उपायुक्त, अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त, नई दिल्ली रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त, विशेष पुलिस आयुक्त (इंटेलिजेंस) और सतर्कता के विशेष पुलिस आयुक्त शामिल हैं।
70 हजार पुलिस बल के प्रमुख का पद संभालने वाले आलोक ने एक वायरलेस मैसेज में अपने संदेश में कहा कि बुजुर्गों, महिलाओं और कमजोरों वर्ग की सुरक्षा उनकी प्रमुखता रहेगी. वर्मा ने कहा कि उनके कार्यालय का दरवाजा हर पल आम लोगों के लिए खुला रहेगा. वर्मा ने नयी जिम्मेदारी संभालने के बारे में कहा कि वह इस पद को ग्रहण करके गर्वान्वित महसूस कर रहे हैं.
वर्मा की छवि एक साफ सुथरे पुलिस अफसर की रही है.