लोकसभा चुनावों के शोर के बीच बिहार में विधान परिषद चुनाव के लिए स्नात्क और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए 23 मार्च को होने वाला चुनाव अभियान भी जोरों पर है.
पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से गोपाल शर्मा मार्क्सवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं. पिछले डेढ़ दशक से कम्युनिस्ट पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता के रूप में गोपाल शर्मा ने अपनी अच्छी पहचान बनायी है.
नवादा, पटना और नालंदा-तीन जिलों के एक लाख 11 हजार स्नातक मतदाताओं तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करने में जुटे गोपाल कहते हैं कि इस चुनाव में उन्हें काफी समर्थन मिल रहा है. गोपाल अपने मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए तीन मुद्दे उनके सामने रख रहे हैं.
गोपाल का नारा
उनका कहना है कि हमारी पार्टी युवाओं और शिक्षित बेरोजगारों के लिए संघर्ष करने वाली पार्टी है इसलिए हम ‘नियोजन नहीं नियुक्ति’ , ‘स्नात्क बेरोजगारों के लिए 5 हजार प्रति माह बेरोजगारी भत्ता’ और ‘युवा नीति’ लागू करवाने का प्रयास करेंगे.
गोपाल दावा करते हैं कि डेढ़ दशक की उनके सार्वजनिक जीवन की सेवा और सम्पर्कों का उन्हें काफी लाभ मिल रहा है. उधर गोपाल प्रसाद शर्मा के लिए संतोष की बात यह भी है कि निर्दलीय प्रत्याशी अवधेश लालू ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. ध्यान रहे कि अवधेश लालू और गोपाल शर्मा को वोट बेस काफी हद तक एक ही है ऐसे में अवधेश के चुनाव मैदान से हटने का लाभ गोपाल शर्मा को मिल सकता है.
हालांकि इस चुनाव में कई प्रभावशील प्रत्याशी अपनी किसमत आजमा रहे हैं. इनमें जद यू के सीटिंग विधायक नीरज कुमार और आरजेडी की तरफ से आजाद गांधी भी शामिल हैं. ऐसे में कम्युनिस्ट प्रत्याशी गोपाल प्रसाद के सामने कठिन चुनौतियां है. हालांकि गोपाल का दावा है कि उनकी पोजिशन संतोषजनक है.