अमेरिकी राष्ट्रपति के एक बयान से देश में हंगामा हो गया है। विपक्ष ने इसे देश का अपमान बताया है, तो भाजपा में पूरी तरह खामोशी है। खबर लिखे जाने तक सरकार की तरफ से भी कोई विरोध नहीं किया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अमेरिका पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगता है। वहां बिजनेस करना मुश्किल है। किसी ने भारत का पर्दाफाश कर दिया और अब वे टैरिफ कम करने पर सहमत हो गए हैं। ट्रंप ने जिस भाषा में भारत का विरोध किया, उसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस को बताया कि ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत की पोल खोल दी है। इसलिए वे अब टैरिफ कम करने को तैयार हो गए हैं। खेड़ा ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि भारत को किसी ने धमकाया और अपनी बात मानने को मजबूर किया।
कुछ हफ्ते पहले प्रधानमंत्री अमेरिका गए थे। उनके सामने रेसिप्रोकल टैरिफ के नाम पर भारत को धमकाया जा रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं कहा। वे मुस्कुराते रहे।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि भारत के वाणिज्य मंत्री अमेरिका में हैं। इसी बीच अमेरीकी राष्ट्रपति बयान देते हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर भारत ने क्या सहमति दी है। क्या भारत के किसीनों और विनिर्माण क्षेत्र के साथ समझौता किया जा रहा है। जब 10 मार्च को संसद शुरू होगी, तो प्रधानमंत्री को संसद को विश्वास में लेना होगा। जाहिर है इस मुद्दे को कांग्रेस जोर-शोर से उठाने जा रही है।
इससे पहले भारत के नागरिकों को हथकड़ी लगा कर अमेरिका ने भेजा था, जिस पर काफी हंगामा हुआ। अभी हाल में नेपाल को नागरिकों को भी अमेरिका ने भेजा, लेकिन उन्हें हथकड़ी में नहीं भेजा। ये सब सवाल उठ ही रहे थे कि अब ट्रंप के ताजा बयान से एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार घिर गई है।
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