लगभग सौ करोड़ के घोटाले में शनिवार को मालदा के डीएम को गिरफ्तार कर लिया गया है वहीं दूसरी तरफ इस गिरफ्तारी को अमल में लाने वाले आईपीएस अधिकारी को उनके पद से हटा दिया गया है.
मालदा के डीएम जी किरण कुमार जब सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण के सीईओ थे तब यह घोटाला हुआ था.
मालदा के डीएम व आईएएस जी किरण कुमार की गिरफ्तार और उन्हें गिरफ्तार करने वाले पुलिस कमिशनर को पद से हटाये जाने के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति और नौकरशाही में हड़कम्प मच गया है.
इस बीच टाइम्स आफ इंडिया के मुताबिक मालदा के डीएम जी किरण कुमार को गिरफ्तार करने पर पुलिस कमिश्नर के जयरमन को उनके पद से हाथ धोना पड़ा है. इस मामले में सरकार का तर्क है कि डीएम की गिरफ्तारी के संबंध में पुलिस कमिशनर ने आला अधिकारियों से सम्पर्क नहीं किया था.
शनिवार की सुबह पुलिस के बुलावे पर डीएम किरण कुमार पूछताछ के लिए गये थे.पूछताछ का सिलसिला खत्म होने से पहले ही शनिवार की शाम चार बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.गिरफ्तार करने के बाद उन्हें सिलीगुड़ी के एसीजेएम केया मंडल की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया. इस मामले में यह अबत 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
कोर्ट में पेशी के दौरान पूछताछ के लिए 10 दिनों की पुलिस रिमांड मांगी गई थी, लेकिन कोर्ट द्वारा चार दिन का रिमांड दिया गया।.उन्हें चार दिसंबर को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा.
पुलिस कमिशनर को पद से हटाया
डीएम को आरेस्ट करने के कुछ ही देर बाद राज्य सरकार ने पुलिस कमिशनर जयरमण को उनके पद से हटा दिया. इस घटना के बाद मुख्यसचिव संजय मित्रा ने एक प्रेस कांफ्रेंस की और जयरमण को पद से हटाये जाने की घोषणा कर दी.
इस संबंध में टाइम्स ऑफ इंडिया ने मुख्यसचिव को यह कहते हुए बताया है कि पुलिस कमिशनर को डीएम को गिरफ्तार करने से पहले आला अधिकारियों से निर्देश लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई से पूरे प्रशासनिक तंत्र पर असर पड़ा है.
मालदा के डीएम की गिरफ्तारी और उसके तुरंत बाद डीएम को गिरफ्तार करने वाले पुलिस कमिशनर को पद से हटाये जाने के बाद पश्चिम बंगाल की नौकरशाही में हड़कम्प मच गयी है.
मुख्यसचिव मित्रा ने इस मामले को काफी गंभीर बताते हुए कहा है कि उन्हें समझ नहीं आता कि जब वरिष्ठ अधिकारी इस जांच में सहयोग कर रहे थे तो डीएम को गिरफ्तार करने की नौबत क्यों आयी.
इस गिरफ्तारी के बाद आईएएस लॉबी में काफी हंगामा खड़ा हो गया है वहीं प्रतिपक्षी पार्टी कांग्रेस और सीपीएम ने सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया है कि वह भ्रष्ट अधिकारी को बचाने में लगी है.