प्रधानमंत्री अमेरिका के मेडिसन स्क्वायर गार्डन में खचाखच भरे हुजूम में क्या कहा, न्युयार्क से बता रहे हैं एम जे वारसी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास डेमोक्रेसी, डीमांड और डेमोग्राफी है जो दुनिया के किसी देश में नहीं है. उन्होंने लोगों की तालियों और मोद-मोदी की गूंज के बीच कहा कि 21 वीं सदी भारत की सदी है.
प्रधानमंत्री मोदी मेडिसन स्क्वेयर गार्डन में भाषण देने वाले पहले विदेशी प्रधानमंत्री हैं। 20 हजार की क्षमता वाले इस स्टेडियम को दुनिया के सबसेमहंगे और लोकप्रिय वेन्यू के रूप में जाना जाता है। मेडिसन स्कवेयर गार्डन का चयन शायद इसलिये भी किया गया क्योंकि अमेरिका में भारतीय समुदाय का बड़ा हिस्सा न्यूयॉर्क के आसपास क्वींसबरो, न्यूजर्सी में एडिसन सिटी में आबाद है। इस भाषण के माध्यम से वह उन प्रवासीभारतियों का भी शुक्रिया अदा किया जो मोदी के बड़े सपोर्टर हैं और पहले भी अमरीका में उन्हें बुलाते रहे हैं।
आज भारत और अमरीका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के लिये तथा उन सभी लोगों के लिये जो भारत से किसी न किसी तौर पर जुड़े हुए हैंक्योंकि अमेरिका की धरती पर किसी विदेश नेता के आगमन पर इकट्ठा होने वाली भीड़ का यह अब तक का शायद सबसे बडा आंकड़ा है।मेडिसन स्क्वेयर गार्डन में नहीं आ पाने वाले लोगों के लिए न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर में बडी स्क्रीन के साथ ही छोटे- छोटे पर्दे भी लगाए गये, ताकि हजारों की संख्या में लोग यहां से मोदी के भाषण को सुन सकें। अमरीका में रह रहे लोग इस नए नेता को देखने के लिए बहुत उत्सुक औरउत्साहित हैं।
चूंकि आज रविवार है और अवकाश होने के कारण अमरीका भर में छात्र समूह और सामुदायिक स्तर पर लोगों ने अपने स्थानीय इलाकों में इसेदेखने के लिए अलग से व्यवस्था किया. मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि दुनिया के दो अहम लोकतंत्र भारत और अमेरिका के लिए वक्त आ गया है कि वे परस्पर सम्मानऔर साझे मूल्यों को एक साथ मिलकर आगे बढ़ने का प्रयास करें। भारतीय नागरिक तथा विश्वभर में रह रहे प्रवासी भारतीय को उम्मीद है किमोदी प्रशासन आने वाले दिनों में नौकरशाही पर लगाम लगाकर जनता पर ध्यान दें ताकि वे उनके उमीदों पर खरा उतर सके।भारतीय समुदाय कोउम्मीद है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा न सिर्फ यहां बल्कि विश्व भर में भारत के महत्व को रेखांकित करेगी तथा आर्थि कशक्ति के रूप में अपनी एक छाप छोड़ देगी।
एमजे वारसी वाशिंगटन युनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. उनसे[email protected] पर सम्पर्क किया जा सकता है
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