डॉक्टर्स-डे पर शुक्रवार को पटना के बेउर स्थित इंडियन इंस्टिच्युट औफ़ हेल्थ एजुकेशन ऐंड रिसर्च में संपूर्ण स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया। शिविर का उद्घाटन संस्थान के निदेशक-प्रमुख तथा बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने किया।
शिविर में 127 छात्र-छात्राओं समेत 205 व्यक्तियों के स्वास्थ्य की निःशुल्क जांच की गयी तथा उन्हें चिकित्सकीय परामर्श दिये गये। इसमें आधुनिक यंत्रों से आंख, दांत, श्रवण-क्षमता की जांच समेत सभी प्रकार के रोगों और समस्याओं की जांच की गयी।
डौक्टर्स-डे पर संसार के सभी चिकित्सकों को बधाई देते हुए, डा सुलभ ने कहा कि रोगियों की सेवा से बड़ा पुण्य का कार्य और कुछ नही हो सकता। यही सबसे बड़ा मानव-धर्म है। धरती पर चिकित्सकों को ‘दूसरा भगवान’ माना जाता है। इसलिए इस सेवा से जुड़े व्यक्तियों का कितना मूल्यवान स्थान है, यह समझना चाहिए।
डा सुलभ ने कहा कि चिकित्सा सेवा से जुड़े कुछ थोड़े से धन-लोलुप स्वार्थी तत्त्वों के कारण यह पुण्य का कार्य भी कलंकित हो रहा है। समाज में चिकित्सकों के प्रति जो आस्था और सम्मान है, उसे नही घटना चाहिये। अन्यथा संसार के लिए यह बड़ा घातक सिद्ध हो सकता है। इस अवसर पर, संस्थान के प्रबंध निदेशक आकाश सुलभ, संपदा अधिकारी आभास कुमार, प्रशासी अधिकारी अवकाश-प्राप्त सूबेदार मेजर शुभकांत झा तथा समाजसेवी संजय शुक्ल भी उपस्थित थे।
शिविर में, वरिष्ठ चिकित्सक डा रामानुज सिंह, औडियोलौजिस्ट डा विकास कुमार सिंह, नेत्र-रोग विशेषज्ञ डा पी कुमार, दंत-चिकित्सक डा अंजलि कुमारी, डा परख कुमार, डा अनुज कुमार मिश्र तथा पोस्थेटिक इंजीनीयर दीपक कुमार समेत बड़ी संख्या में संस्थान के कर्मियों ने अपनी सेवाएँ दी।