आज भोजनावकाश के पहले बिहार विधान सभा हंगामे के कारण अधिक देर-तक नहीं चल सकी। सत्ता और विपक्ष दोनों सदन की मर्यादा के लिए प्रतिबद्ध थे, फिर भी सदन नहीं चल सकी। दरअसल दोनों पक्ष ‘महिला सदस्य की मर्यादा’ की रक्षा के अपना-अपना तर्क दे रहे थे। महिला सदस्य के साथ हुए दुर्व्यवहार का विरोध कर रहे थे। इस विवाद में बैठक शुरू होने के 20 मिनट बाद 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
नौकरशाही ब्यूरो
सदन की बैठक 12 बजे जब दूसरी बार शुरू हुई तो फिर हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इनके खिलाफ सत्तारूढ़ दल की महिलाएं भी वेल में आ गयीं और नारेबाजी करने लगीं। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार और नंदकिशोर यादव को छोड़कर सभी विपक्षी सदस्य सदस्य वेल में आ गए। उधर इनके खिलाफ सत्तापक्ष की महिलाएं भी वेल में आ गयीं। दोनों ओर से नारेबाजी होती रही।
विपक्ष की भीड़ में सिर्फ तीन महिलाएं थीं यानी भाजपा की ओर से तीन महिलाएं हंगामा कर रही थीं। इसके विपरीत सत्तारूढ़ दल की 13 महिलाएं भीड़ बनी हुई थीं। सदन में सत्तारूढ दल की 13 महिलाएं वेल में आकर नारेबाजी कर रही थीं, जबकि 3 महिलाएं अपनी सीट पर खड़ी होकर नारेबाजी में जुटी महिलाएं के प्रति अपना समर्थन जता रही थीं। सत्तारूढ़ दल की 13 और भाजपा की तीन महिलाएं भी महिलाओं के सम्मान में वेल में आकर अपना विरोध और समर्थन जता रहे थीं।