भारत महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश है. ये कहना है थॉमसन रॉयटर्स फांउडेशन, जिसे राष्ट्रीय महिला आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया है. राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरमैन रेखा शर्मा ने कहा कि भारत में अपने विधिक अधिकारों के प्रति महिलाएं जागरुक हैं. उनकी कानून तक पहुंच है.
नौकरशाही डेस्क
उन्होंने सर्वे पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि इस सर्वे में भारत से अच्छी रैंकिंग उन देशों को दी गई है, जहां महिलाओं को सार्वजनिक स्थलों पर बोलने तक नहीं दिया जाता. आयोग की ओर से जारी रिलीज में कहा गया है कि भारत जैसे 1.3 अरब की जनसंख्या वाले देश के बारे में किए गए रॉयटर्स फांउडेशन के सर्वे को सही नहीं ठहराया जा सकता, यह सर्वे पूरे देश का प्रतिनिधित्व नहीं करता.
रेखा शर्मा के अनुसार, भारत में महिलाओं को उनके अधिकारों के संबंध में जागरुकता फैलाने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग और मीडिया जैसे संस्थान हैं. इस मामले में सरकार का भी यही कहना है कि थॉमसन रॉयटर्स फांउडेशन की रिपोर्ट गलत है. गौरतलब है कि थॉमसन रॉयटर्स फांउडेशन के एक सर्वे के मुताबिक महिलाओं के प्रति यौन हिंसा और सेक्स धंधों में धकेले जाने के मामले में भारत को महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश बताया गया है. सर्वे में भारत को महिलाओं के लिए युद्धग्रस्त सीरिया और अफगानिस्तान से भी ज्यादा खतरनाक बताया गया है. सर्वे के मुताबिक, भारत मानव तस्करी और महिलाओं को सेक्स धंधों में धकेलने के लिहाज से अव्वल है.
वहीं, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर घंटे बलात्कार के चार मामले दर्ज होते हैं. 2007 से 2016 के बीच देश में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में 83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सर्वे में विशेषज्ञों से पूछा गया था कि सयुंक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से ऐसे कौन से पांच सदस्य राष्ट्र हैं जो महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं. जिसके जबाव में भारत, अफगानिस्तान, सीरिया-अमेरिका, सोमालिया और सऊदी अरब को रखा गया.