दलित DM के हत्यारे आनन्द मोहन की रिहाई पर IAS Association ने कड़ी टिप्पणी करते हुए नियम में बदलाव की आलोचना की है।
IAS Association On Anand Mohan: आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा किए जाने के फैसले पर आईएएस एसोसिएशन ने प्रतिक्रिया दी है. एसोसिएशन ने बिहार सरकार की और कहा कि ये फैसला अनुचित है और इससे लोकसेवकों का मनोबल टूटा है।
आईएएस एसोसिएशन ने ट्वीट किया कि आनंद मोहन को रिहा किए जाने का फैसला बहुत ही निराश करने वाला है. उन्होंने (आनंद मोहन) जी. कृष्णैया की नृशंस हत्या की थी. IAS Association ने मांग की है कि फैसला वापस लिया जाए।
एसोसिएशन (Association) ने कहा कि ऐसे फैसले से ही लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आती है. हम राज्य सरकार से अनुरोध करते हैं कि बिहार सरकार जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करे.
गौरतलब है कि बता IAS अधिकारी कृष्णैया अनुसुचित जाति से थे. वह गोपालगंज के जिलाधिकारी थे और 1994 में जब मुजफ्फरपुर में एक अपराधी छोटन शुक्ल की शव यात्रा के दौरान आनंद मोहन के नेतृत्व वाली
इस हत्याकांड के बाद आनंद मोहन को सज़ा हुई थी। लेकिन नियम में बदलाव कर उनको रिहा किया जा फाहा है।