वेश्याएं इंसान होती है ,ऐसा कहने से ज्यादा बेहतर है ।हम जोर आवाज़ में कहें-वेश्याएं माँ होती हैं।
पुष्पराज
स्त्रियों को वेश्या कहकर उनकी गरिमा और उनके मानवीय-अस्तित्व को ख़ारिज करनेवाले आपको एक माँ ने जन्म दिया है तो उस स्त्री को भी एक माँ ने ही जन्म दिया है, जिन्हें तुम वेश्या कहकर उनके प्रति हिकारत और घृणा की बू फैलाते हो।
मैं हर उस इंसान को धरती का निकृष्टतम ,जाहिल और क्रूरतम प्राणी की तरह देखता हूँ ,जो अपने मुख से “वेश्या “शब्द का उदबोधन करते हैं।
मैं भारत जैसे एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र में वेश्या शब्द के प्रयोग को क़ानूनी तौर से प्रतिबंधित करने की मांग करता हूँ।जब गोर्की ने वेश्याओं की जिंदगी पर कहानी लिखी तो वेश्याओं के समूह से आवाज़ आयी-क्या यह कथाकार किसी वेश्या की कोख से ही जन्मा है।हमें वेश्या -स्त्री और अपनी माता -स्त्री में कोई फर्क नहीं दीखता।
वाया सोशल मीडिया