मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पूरे मूड में थे। विधानसभा के सीएम कक्ष में पत्रकारों का मजमा लगा था। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कुछ मंत्री भी बैठे थे। धीरे-धीरे पत्रकारों की संख्या बढ़ती जा रही थी। शीतकालीन सत्र के पहले दिन की बैठक शोक प्रस्ताव के बाद सोमवार तक के लिए स्थगित कर गयी थी। सदन से निकल सीएम अपने कक्ष में पहुंचे। हम भी करीब 11.25 में सीएम कक्ष में प्रवेश किए। खाली कुर्सी देखक चिपक गए।
वीरेंद्र यादव
मुख्यमंत्री के साथ 55 मिनट
माहौल सामान्य था। हमने मौका देखकर अपनी पत्रिका ‘वीरेंद्र यादव न्यूज’ की कॉपी सीएम को दिया। थोड़ी देर पत्रिका देखने के बाद वे अपने पीए को पत्रिका देकर मीडिया की ओर मुखातिब हुए। मीडिया में तैर रहे एक-एक सवाल जबाव सीएम में देना शुरू किया। सवाल भी वही खोज रहे थे। सीएम ने कहा – दिल्ली के एक अखबार ने छाप दिया है कि हम भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिले हैं। डेट भी छाप दिया है। लोग बता रहे थे। लगता है लिखने वाली कोई लड़की है। नाम से लगता है। हद हो गयी। क्या-क्या लोग छापते रहते हैं।
तीन पार्टियों का गठबंधन है, मर्जर नहीं
आप लोग लिखते रहते हैं कि गठबंधन में मतभेद है। कहां है मतभेद। तीन पार्टियों का गठबंधन है। महागठबंधन है। हमारा गठबंधन बिहार के मुद्दे पर है, बिहार के लिए है। बिहार के बाहर थोड़े हमारा गठबंधन है। तीन पार्टियों का गठबंधन है, मर्जर नहीं है। सबकी अपनी-अपनी नीति है, रणनीति है। राष्ट्रीय मुद्दे पर सबकी अलग-अलग राय हो सकती है। मुख्यमंत्री ने अशोक चौधरी के बयान से सहमति जताते हुए कहा- अशोक चौधरी जी ने सही कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व चाहेगा तो महागठबंधन से अलग हो जाएंगे। एकदम सही। राहुल गांधी नहीं चाहेंगे तो इनकी (अशोक चौधरी) महागठबंधन में बने रहने की औकात है। इन्होंने क्या गलत कह दिया कि आप लोग महागठबंधन में दरार खोजने लगते हैं।
बेनामी संपत्ति के खिलाफ भी हो कार्रवाई
मनमोहन सिंह ने भी नोटबंदी वापस लेने की बात नहीं कही है। ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ही सिर्फ नोटबंदी के निर्णय को वापस लेने की मांग की है। अन्य दल इससे होने वाली परेशानियों को उठा रहे हैं। हम कालाधन के खिलाफ किसी भी निर्णय का स्वागत करेंगे। इसके साथ बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई और शराबबंदी के बिना कालाधन पर अंकुश नहीं लग सकता है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर हमला तेज रखते हुए कहा- आप लोग हमको इगनोर करते हैं। मुधबनी के हमारे भाषण को सुनिए। हमने कहा था कि हम कोई भी काम पूरी तैयारी से करते हैं। लेकिन विमुद्रीकरण के लिए कोई तैयारी नहीं की गयी। इससे परेशानी बढ़ी है।
कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ता है
प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर सीएम ने कहा – कम से कम हम इतना बेवकूफ नहीं हैं कि प्रधानमंत्री का एंबिशन पालने लगें। एंबिशन पालने से कोई पीएम बनता है? लेकिन पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को मना भी नहीं कर सकते हैं। ऐसी चर्चाओं से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ता है।
सोशल मीडिया में टोटली झूठ
इस बीच एक पत्रकार कोई प्रश्न पूछना चाह रहे थे। इस पर सीएम ने कहा- अभी चुप रहिए। बाद में सवाल पूछ लीजिएगा। सीएम ने बात को आगे बढ़ाया- सोशल मीडिया में टोटली झूठ चलता है। बिना सिर-पैर का। कोई भी कुछ लिख देता है। किन-किन मुद्दों पर हम बोलते रहें। पार्टी के दूसरे नेता भी हैं।
महागठबंधन की बैठक
उधर, विधान परिषद में जदयू के मुख्य सचेतक संजय सिंह गांधी मंत्रियों से महागठबंधन की बैठक में चलने का इशारा कर रहे थे तो अशोक चौधरी भी उठ कर जाने लगे। सीएम ने अशोक चौधरी को बैठने के लिए कहा और जोड़ा- साथ में चलिएगा। थोड़ी देर बैठने के बाद सीएम भी बैठक के लिए प्रस्थान किए। महागठबंधन की बैठक विधान परिषद एनेक्सी में थी। सीएम के साथ अशोक चौधरी हो लिए। उनके पीछे हम भी। पोर्टिको में सीएम की गाड़ी लगी थी। सीएम के साथ अशोक चौधरी और ललन सिंह भी थे। पैदल ही चल दिए। इस दौरान तीनों के बीच नोटबंदी और महागठबंधन के विवाद पर ही चर्चा हो रही थी। अशोक चौधरी भी सीएम की बात से गदगद थे।
दो तले चढ़े पैदल
करीब 4-5 मिनट की पदयात्रा में सीएम भी अपने दो-टूक जबाव से संतुष्ट थे और इसका इजहार भी दोनों मंत्रियों से किया। सीएम लिफ्ट के बजाये पैदल ही दो तले पर चढ़ गए। एनेक्सी सभागार में महागठबंधन के विधायक और विधान पार्षद मौजूद थे। थोड़ी देर के फोटो सेशन के बाद पत्रकारों को बैठक से बाहर कर दिया गया। करीब 12.20 बजे हम भी वहां से निकलकर विधानसभा के प्रेस रूम में आकर बैठ गए।