खतरनाक हो चुके हैं माओवादियों के मनसूबे. नेपाल की सरजमीन से चीन के षड्यंत्रकारी कैसे रचते हैं भारत के खिलाफ साजिश.विनायक विजेता की इस रिपोर्ट में पढिए
देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बने माओवादियों के चीन से भी सहायता लेनी शुरु कर दी है। देश के शीर्षस्थ माओवादी नेताओं की एक बैठक चीन के माओवादी नेताओं के साथ हुई जिसमें भारत और बिहार में सक्रिय माओवादियों को चीन निर्मित अत्याधुनिक हथियार, लैंड मार्इंस, गे्रनेड, बुलेट प्रुफ जैकेट एवं गोला-बारुद की आपूर्ति करने पर सहमति बनी. भारत के करीब एक दर्जन शीर्षस्थ माओवादी नेता जिनमें दो बिहार के हैं पिछले माह कम्युनिष्ट पार्टी आफ नेपाल (माओवादी) के आमंत्रण पर नेपाल गए थे जिनमें से कई नेता अबतक नेपाल में ही डटे हुए हैं.
कम्युनिष्ट पार्टी आफ नेपाल (माओवादी) ने बीते 9 से 13 जनवरी तक नेपाल में अपना 7वां अधिवेशन किया था जिस अधिवेशन में भाग लेने के लिए भारत के शीर्षस्थ माओवादी नेताओं के साथ अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, इटली, ट्यूनिशिया, फिलीपिन्स, ग्लालिसिया, कनाडा, अमेरिका, कोलम्बिया व इरान सहित कई देशों के शीषस्थ नेताओ को आमंत्रित किया था।
कम्युनिष्ट पार्टी आफ नेपाल (माओवादी) के अध्यक्ष मोहन वैद्य उर्फ किरण एवं महासचिव रामबहादुर थापा उर्फ बादल द्वारा संयुक्त रुप से भारत के शीर्षस्थ माओवादी नेताओं को भेजे गए आमंत्रण पत्र में भारत के शीर्षस्थ माओवादी नेताओं से दोनों देशों के बीच माओवादी आंदोलन को बेहतर और आपसी तालमेल की गुजारिश की गई थी। सूत्रों के अनुसार नेपाल के माओवादी नेताओं के आमंत्रण के बाद बिहार सहित देश के एक दर्जन शीर्षस्थ माओवादी नेता पिछले माह नेपाल गए जहां अधिवेशन के दौरान ही उन्होंने चीनी माओवादियों से हथियार आपूर्ति का समझौता किया।
सूत्र बताते हैं कि भारत के सभी माओवादी नेता बिहार के रास्ते ही नेपाल गए जहां बिहार-नेपाल बार्डर पर कम्युनिष्ट पार्टी आफ नेपाल (माओवादी) के पोलित ब्यूरो के सदस्य इंद्रमोहन सिग्देल उर्फ बसंत और वहां के अन्य माओवादियों ने उनका स्वागत किया। सूत्र बताते हैं कि नेपाल में अबतक कुछ खास मकसद से जमें भारत के तीन शीर्षस्थ माओवादी नेता का आतिथ्य की जिम्मेवार भी इंद्रमोहन सिग्देल ही उठा रहे हैं।