जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान ने कहा है कि मोदी सरकार ने नोटबंदी कर, जाने- अंजाने मुसलमानों के व्यापक हित का फैसला ले लिया और यही कारण है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस फैसले का अभी तक स्वागत नहीं किया.
अशफाक रहमान ने कहा कि नोटबंदी के फैसले पर मोदीभक्तों में भले ही तात्कालिक उत्साह है पर अब यह फैसला उन्हीं पर भारी पड़ने लगा है.
उन्होंने कहा कि देश में मुसलमानों की आबादी 25 प्रतिशत है लेकिन अर्थव्यवस्था में उनकी हिस्सेदारी मात्र 3 प्रतिशत है और जहां तक काले धन का सवाल है तो मुश्किल से करोड़ मुसलमानों में किसी एक के पास काला धन है. ऐसे में मोदी सरकार द्वारा काले धन पर किये गये हमले का व्यापक लाभ मुसलमानों को मिलेगा क्योंकि इससे काला धन अर्थव्यवस्था के मेनस्ट्रीम में आयेगा. अशफाक रहमान ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि काले धन पर किये गये इस प्रहार से सबसे ज्यादा चिंता आरएसएस को है क्योंकि ज्यादातर कालेधन वाले ही उसके सपोर्टर हैं. उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वह नोटबंदी के तात्कालिक कुप्रभाव को गंभीरता से न लें.
रहमान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक कोई ऐसा काम नहीं किया जो मुसलमानों के हित में हो लेकिन नोटबंदी का सपोर्ट करके पहली बार उन्होंने मुसलमानों के पक्ष को मजबूत किया है. अशफाक रहमान ने सरकार से मांग की है कि वह जनधन खाते वालों को सुरक्षा सुनिश्चित करें क्योंकि उनके अकाउंट पर काले कारोबारियों की बुरी नजर है.