मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि उनकी सरकार न्याय के साथ विकास के लिए प्रतिबद्ध है और सिद्धांत को ध्यान में रखकर वह काम कर रही है। श्री कुमार ने मुंगेर प्रमंडल स्तरीय जनता दल यूनाईटेड दलित-महादलित सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि न्याय के साथ विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है और उसको ही ध्यान में रखकर हमने काम किया है। न्याय के साथ विकास का मतलब समाज के हर तबके और हर इलाके का विकास है। समाज का जो हिस्सा विकास की मुख्यधारा से अलग है और जिसकी उपेक्षा हुई है, ऐसे लोगों को मुख्यधारा में लाना है। जो भी विकास का काम हो रहा है, यदि उसका लाभ हाशिये पर खड़े लोगों को नहीं मिल रहा है तो उसका कोई अर्थ नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में जब उनकी सरकार बनी तो यह बात सामने आई कि साढ़े बारह प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं और उन्हें विद्यालयों तक पहुंचाने का प्रयास शुरु किया गया। 27 हजार से ज्यादा नए स्कूल खोले गए। चार लाख शिक्षकों का नियोजन किया गया। स्कूलों से बाहर रहने वाले बच्चों का सर्वेक्षण कराया गया तो पता चला कि महादलित और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की संख्या इसमें सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए महादलित टोलों में टोला सेवक को नियोजित किया। इसी तरह से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए शिक्षा स्वयं सेवकों का चयन किया गया। अब स्कूल से बाहर रहने वाले एक प्रतिशत से भी कम बच्चें हैं। इसके अलावा शिक्षा स्वयं सेवकों एवं टोला सेवकों को अनुसूचित जाति(एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अति पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को भी साक्षर बनाने के काम मे लगाया गया।