पटना ब्लास्ट के बाद गिरफ्तार गोपाल की निशानदेह पर एक और पकड़ा गया है.मामले की गंभीरता के बाद डीजीपी अभ्यानंद ने खुद इसकी मॉनिटरिंग शुरू कर दी है.

विकास को लखीसराय से गिरफ्तार किया गया
विकास को लखीसराय से गिरफ्तार किया गया

पटना के गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट के 15 दिन बाद इस मामले में गोपाल गोयल, विकास कुमार, पनवन कुमार और गणेश प्रसाद को लखीसराय पुलिस ने गिरफ्तार किया था. लखीसराय पुलिस के अनुसार गोपाल और साथियों को पाकिस्तान से बैंकट्रांस्फर से पैसे भेजे जाते थे. इस गिरफ्तारी के बाद गोपाल से मिले इनपुट के बाद पुलिस ने धनबाद में रविवार को एक और गिरफ्तारी की है.

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पर पुलिस और एनआईए इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

पुलिस के लिए ये गिरफ्तारियां किततना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि डीजीपी अभ्यानंद ने खुद ही इस मामले को मानिटरिंग करने में जुट गये हैं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि पटना ब्लास्ट में अब तक जो जानकारियां मिली हैं उसमें सबसे महत्वपूर्ण जानकारी गोपाल गोयल की गरिफ्तारी के बाद सामने आयी है.

गोपाल से मिली संवेदनशील जानकारी (फोटो जागरण)
गोपाल से मिली संवेदनशील जानकारी (फोटो जागरण)

27 अक्टूबर को पटना में हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद कुछ मीडिया ने इंडियन मुजाहिदीन के हाथ होने का दावा किया था. इसके बाद कई आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. पर पिछले दिनों मेहर आलम से पूछताछ के बाद एनआईए को जो जानकारी मिली वह चौंकाने वाली थी. इस इनपुट के आधार पर एनआईए ने लखीसराय पुलिस को सूचना दी जिसके बाद 9 नवम्बर को गोपाल गोयल, विकास कुमार, गणेश प्रसाद और पवन कुमार को गिरफ्तार करके पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है.

मालूम हो कि गोपाल और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद लखीसराय के डीएसपी सुबोध कुमार बिस्वास ने कहा कि ये लोग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सम्पर्क में थे और इन्हें पाकिस्तान से मोटी रकम भेजी जाती थी और इन पैसों का उपयोग युवाओं को अपने जाल में फंसाने के लिए करते थे. यह मामला कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले तीन महीने में पाकिस्तान से एक करोड़ रपुये का ट्रांजेक्शन किया गया है. लखीसराय के डीएसपी का कहना है कि बैंकों में पाकिस्तान से पैसे दिये जाने के बाद इसकी सूचना एसएमएस के जरिये गोपाल गोयल को दी जाती थी जिसमें इस बात का उल्लेख किया जाता था कि कितने पैसे किसे पहुंचाना है.

मालूम हो कि पटना में 27 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट में चार लोगों की मौत हुई थी और 90 लोग घायल हुए थे.

By Editor

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