रंगकर्मियों-कलाकारों के साझा मंच ‘हिंसा के विरुद्ध संस्कृतिकर्मी’ ने पत्रकार राजदेव नंदन के सम्मान में पटना के कालिदास रंगालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया।
सीवान में दो दिन पूर्व पत्रकार राजदेव रंजन एवं उससे एक दिन पूर्व झारखंड में टी.वी पत्रकार इंद्रदेव यादव एर्फ अखिलेश सिंह की हुई की नृशंस हत्या ने बिहार के नागरिक समाज के झकझोर कर रख दिया है। देश के दूसरे हिस्सों की तरह बिहार में भी पत्रकार असुरक्षित होते जा रहे हैं।
रंगकर्मियों-कलाकारों का साझा मंच ‘ हिंसा के विरूद्ध संस्कृतिकर्मी’ इस हत्या की कड़े शब्दों में निन्दा की गयी । साथ ही सरकार से ये मॉंग की गयी है कि हत्यारों को पकड़कर उन्हें सख्त सजा दिलाने में कोई कोताही न बरती जाए। राजदेव के परिवार के आर्थिक सहायता एवं आवास का प्रबंध किया जाए।
साझा मंच ये भी मॉंग करता है कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था भी की जाए।
साझा मंत्र पत्रकार संगठनों से भी ये अपील करता है कि पत्रकारों के लिए बने जितने संगठन हैं उन्हें और अधिक सक्रिय बनाया जाए। हर प्रदेश मे मॉजूद ‘प्रेस क्लब’ जैसी संस्थाओं निर्माण कर पत्रकारों के मध्य आपसी संवाद के और अधिक बढ़ाया जाए।
आज कालिदासं रंगालय में रंगकर्मियों-कलाकारों के साझा मंत्र की ओर से श्रद्धांजलि सभा में खासी संख्या में रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता आदि शामिल हुए।
वक्ताओं ने कहा कि पिछले छत्तीसगढ़ में पत्रकारों को धमकाने की घटना हो, मध्यप्रदेश में पत्रकार की हत्या हो या दिल्ली में पटियाला हाउस में सुप्रीम केर्ट के निर्देष के बावजूद पत्रकारों पर किया गया हमला ये सभी घटनाएं पत्रकारों के जाखिम भरे जीवन की ओर इशारा करती है। बिहार में राजदेव रंजन एवं झारखंड में इंद्रदेव यादव की हत्या उसी डरावने परिघटना का द्योतक है।
हाल में अंतर्राष्ट्रीय संस्था ‘रिपोटर्स विदाउट बॉडर्स’ के अनुसार देशभर में 1992 के पश्चात लगभग 90 से अधिक पत्रकार मारे जा चुके हैं। हिंदुस्तान पूरी दुनिया में पत्रकारों के लिए असुरक्षित माने-जाने वाला तीसरा देश है। पहले व दूसरे नंबर पर युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो चुके इराक व सीरिया का नाम आता है।
वहीं यदि एशिया में देखें तो हिंदुस्तान सबसे असुरक्षित देश माना जाता है। यहॉं तक कि पाकिस्तान व अफगानिस्तान से भी ज्यादा असुरक्षित भारत माना जाता है।
श्रद्धांजलि सभा में राजदेव रंजन एवं इंद्रदेव यादव के शोकसंतप्त परिवार को सांत्वना दी गयी। एवं सभी जनतांत्रिक ताकतों से इस लड़ाई में शामिल होने का अनुरोध किया।
श्रद्धांजलि सभा में शामिल लोगों में रंगकर्मी मनीष महिवाल, पत्रकार पुष्पराज, कुमार सम्भव, रमेश सिंह, तनवीर अख्तर, अनिल अंशुमन, विनोद अनुपम, सामाजिक कार्यकर्ता रंजीव, कला सस्कृति विभाग के सचिव विनय कुमार, गोपाल शर्मा, वरिष्ठ रंगकर्मी सुमन कुमार, गायक अजीत अकेला, बिहार आर्ट थियेटर के सचिव कुमार अनुपम, युवा रंगकर्मी मृत्युंजय शर्मा, राजन कुमार सिंह, फिल्मकार रवि राज पटेल , चंदना घोष आदि ने सभा को सम्बोधित किया।
श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक घोष, बुल्लू, अमित कुमार सहित बड़ी संख्या में युवा रंगकर्मी मौजूद थे।
सभा का संचालन युवा रंगकर्मी जयप्रकाश ने किया।