प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के दोदिवसीय यात्रा पर रविवार को काठमांडू पहुंचे। इस दौरान कई समझौते पर हस्ताक्षर हो रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को मोदी ने नेपाल को 10,000 करोड़ नेपाली रुपये की रियायती ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की। पनबिजली की अपार संभावनाओं वाले चौतरफा जमीनी सीमाओं से घिरे इस देश के विकास के लिए हिट (एचआईटी) फार्मूले का प्रस्ताव किया। करीब 17 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री नेपाल गया है।
नेपाल की संविधान सभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत ने नेपाल को विभिन्न विकास कार्यों के लिए 10,000 करोड़ नेपाली रुपये (एक अरब डालर) की रियायती ऋण सुविधा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यह राशि भारत द्वारा नेपाल को पहले दी गई सहायता से अलग होगी। इससे पहले भारत ने भारतीय आयात-निर्यात बैंक (एक्जिम बैंक) के जरिए नेपाल को 25 करोड़ डालर की ऋण सुविधा प्रदान की थी। नेपाल के विदेश मंत्रालय के मुताबिक यहां की प्राथमिकता के अनुसार नए अनुदान का उपयोग बुनियादी ढांचे के विकास और ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।
श्री मोदी ने कहा कि बेहतर संपर्क मार्ग निर्माण में भारत नेपाल की मदद करेगा। नेपाल में सूचना हाइवे विकसित करने में भी भारत नेपाल को सहायता देगा ताकि नेपाल दुनिया के देशों में पीछे नहीं छूट जाए। नेपाल को भी डिजिटल दुनिया में आगे रहना होगा और पूरी दुनिया के साथ उसका संपर्क स्थापित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेपाल के पास जलविद्युत क्षेत्र में विकास की व्यापक संभावनाएं हैं और इसके लिए भारत बिजली के निर्यात और आयात के लिए पारेषण लाइनों की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नेपाल से बिजली खरीदना चाहता है। मोदी ने कहा कि फिलहाल इस समय हम यहां अंधेरा दूर करेंगे और एक दशक बाद नेपाल हमारी मदद के लिए आगे आएगा, यह हमारा गठबंधन होगा। मोदी ने कहा कि नेपाल और भारत के रिश्ते उतने ही पुराने हैं, जितने कि हिमालय और गंगा। दोनों देशों के बीच नजदीकी सांस्कृतिक रिश्ते हैं।