जस्टिस कुन्हा को कल तक बस वही लोग जानते थे जो जय ललिता के केस से किसी न किसी रूप में जुड़े थे. लेकिन जय ललिता को सजा सुनाने के बाद लोगों की दिलचस्पी उन में बढ़ गयी. जानिये कौन हैं कुन्हा?
तमिल नाडु की मुख्यमंत्री जय लिलता को भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा सुनाने वाले जस्टिस जॉन माइकल कुन्हा हीरो की तरह उभरे हैं. वह निजी जीवन में भी गलतियां बर्दाश्त नहीं करते.
जस्टिस कुन्हा का पूरा नाम जॉन माइकल डी कुन्हा है. जस्टिस कुन्हा ने एक मुख्य मंत्री को सजा सुना कर इतिहास रच दिया है.
जय ललिता का मामला यूं तो पिछले 18 वर्षों से अदालत में चल रहा है लेकिन जस्टिस कुन्हा इस मामले से नवम्बर 2013 से तब जुड़े जब उन्होंने जस्टिस एमएस बालाकृष्ण ने यह केस उन्हें सुपुर्द किया.
इससे पहले जस्टिस कुन्हा रवाड़ के सेशन जज के बतौर काम कर चुके हैं.
जस्टिस कुन्हा के बारे में प्रचलित है कि वह निजी जीवन में भी गलतियां बर्दाश्त नहीं करते. जय ललिता का केस देखने वाले कुन्हा पांचवे जज हैं.
जोदपुर में 1949 में जन्मे जस्टिस कुन्हा, जस्टिस एसके मल लोढ़ा के पुत्र हैं. लोढ़ा रास्तान हाई कोर्ट के जज रह चुके हैं. कुन्हा ने अपने करियर की शुरुआत वकील के बतौर की और इस दौरान उन्होंने कई राज्य सरकारों के केस को डील किया.
वह राजस्थान जुडिसियल अकेडमी के चेयरमैन भी रह चुके हैं. इसके अलावा कुन्हा नेशनल लॉ युनिवर्सिटी से भी जुड़े रहे हैं.
कुन्हा के बारे में बताया जाता है कि वह पटना हाईकोर्ट में भी बतौर जज काम कुर चुके हैं