जमात इस्लामी, बिहार द्वारा पंद्रह दिवसीय जागरूकता अभियान की समाप्ति पर 47 लाख लोगों में मुस्लिम पर्सनल लॉ से संबंधी जागरूता का प्रचार प्रसार किया गया जबकि इस अभियान में व्यक्तिगत रूप से 87 हजार लोगों से सम्पर्क साधा गया.
जमाअत इस्लामी द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि 23 अप्रैल से 7 मई तक चलने वाले इस जागरूता अभियान का उद्देश्य आम लोगों में शरियत कानून के प्रति जागरूरकता फैलाना और आपसी विवाद, जिनमें तलाक समेत अन्य विवाद शामिल हैं को इस्लामी संगठनों में निपटाने पर जोर दिया गया.
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इस जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए जमाअत इस्लामी के बिहार केंद्र ने राज्य भर के विभिन्न संगठनों और संस्थानों के अलावा पत्रकारों, वकीलों सााजिक कार्यकर्ताओं से भी सहयोग लिया. जमाअत द्वारा जारी रीलीज में बताया गया है कि इस अभियान में एदारा शरिया, इमारत शरिया, राज्य भर की खानकाहों, बड़े मदरसों समेत विभिन्न जिलों में मौजूद संगठनों के सहयोग से लिया गया.
गौरतलब है कि कुछ संगठनों द्वारा तलाक के मुद्दे को भ्रामक तौर पर प्रचारित करने का अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे में जमाअत ने शरियत कानून के प्रति लोगों में जागरूकता की मुहिम शुरू की थी. विज्ञप्ति में बताया गया है कि यह अभियान हालांकि पंद्रह दिनों तक चलाया गया लेकिन यह महसूस किया गया कि ऐसा अभियान नियमित रूप से संचालित किया जाये.
इस अभियान को सफल बनाने के लिए जमाअत ने एक कमेटी का गठन किया था जिसमें इमारत शरिया के अनीसुर्रहामन कासमी, इदारा शरिया के शनाउल्लाह रिजवी, जमियत उलेमाए हिंद बिहार के हुस्न अहमद कादरी, अहले हदीस के रहनुमा, जमाअत इस्लामी के बिहार प्रमख नैयरुज्जमा के अलावा दीगर दर्जनों प्रतिष्ठित लोग शामिल थे.