भुवनेश्वर के अरुगुल जटनी स्थित अंतरराष्ट्रीय खुरपका एवं मुंहपका रोग केन्द्र- इंटरनेशनल सेंटर फॉर एफएमडी (आईसीएफएमडी) के उदघाटन के मौके पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने पशुधन के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अनेक कदम उठाए हैं जिसका लाभ किसानों को हो रहा है. पशुओं का स्वास्थ्य किसान हित से जुड़ा है, अगर पशु स्वस्थ होंगे तो किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
नौकरशाही डेस्क
उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार की पहल का ही नतीजा है कि देश दुध उत्पादन में नंबर वन पर बना हुआ है. अंडा उत्पादन में तीसरे स्थान पर आ पहुंचा है. कृषि मंत्री ने इस मौके पर माना कि वायरस जनित खुरपका और मुंहपका रोग (FMD) और Influenza जैसी बीमारियां पशुधन के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती बनी हुई है. लेकिन साथ में उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार खुरपका एवं मुंहपका रोग के रोकथाम का पूरा प्रयास कर रही है. पशुओं के स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत खुरपका एवं मुंहपका रोग के लिए बेहतर प्रबंधन अपनाकर वर्ष 2013 की तुलना में 2015 में 377 प्रकोपों से घटाकर 109 पर ला दिया है.
कृषि मंत्री ने बताया कि देश में पहली बार पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए पशुधन संजीवनी-नकुल स्वास्थ्य पत्र योजना शुरू की गयी है. साथ ही, पशु यूआईडी द्वारा पशुओं की पहचान और राष्ट्रीय डाटा बेस बनाया जा रहा है. देश में पहली बार राष्ट्रीय बोवाइन प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत देशी नस्लों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक नई पहल ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ की 500 करोड़ रूपये के आवंटन के साथ दिसम्बर 2014 में शुरुआत की गई. इस मिशन के तहत 14 गोकुल ग्रामों की स्थापना की जा रही है.
उन्होंने कहा कि देशी नस्लों के सुधार लिए राष्ट्रीय बोवाइन जेनॉमिक केंद्र की स्थापना की गयी है. सरकार ने ई पशुधन हाट पोर्टल की भी शुरुआत की है. कृषि मंत्री ने उम्मीद जताई कि जैव सुरक्षा और जैव नियंत्रण की सुविधाओं के साथ भुवनेश्वर की यह अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशाला वैश्विक भागेदारी और सार्क क्षेत्र में इस रोग के नियंत्रण में अहम भूमिका अदा करेगी. उन्होंने इस मौके पर इस प्रयोगशाला से जुड़े वैज्ञानिकों और अधिकारियों की उनके अच्छे काम के लिए सराहना की.