बिहार सरकार ने भूमि विवादों को समाप्त करने के उद्देश्य से पैतृक या परिवार की संपत्ति के बंटवारे से संबंधित दस्तावेजों के निबंधन पर लगने वाले शुल्क को 100 रुपये निर्धारित करने का निर्णय लिया है। मद्य, निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग (निबंधन) के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि मंत्रिपरिषद् की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
श्री सुबहानी ने बताया कि राज्य में भूमि विवादों के निपटारे के लिए जमीन के पैतृक या पारिवारिक बंटवारे से संबंधित दस्तावेजों को निबंधित कराने पर पहले संपत्ति के कुल मूल्य पांच प्रतिशत शुल्क देना होता था। इसके कारण प्राय: आम लोग इन संपत्तियों के बंटवारे का कानूनी दस्तावेज अर्थात् निबंधन कराने से कतराते थे। उन्होंने बताया कि इसके परिणाम स्वरूप संपत्ति की अनियमित रूप से बिक्री होती थी और कई तरह के विवाद उत्पन्न होते थे।
प्रधान सचिव ने बताया कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पैतृक या पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे से संबंधित दस्तावेजों के निबंधन पर मात्र 100 रुपये (50 रुपये निबंधन शुल्क और 50 रुपये स्टाम्प शुल्क) की दर निर्धारित कर दी है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस निर्णय से ऐसी संपत्ति के बंटवारे से संबंधित विवादों का निपटारा हो सकेगा तथा राज्य की विधि-व्यवस्था पर भी इसका अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। साथ ही आम लोगों को इससे अत्यधिक लाभ होगा तथा सरकार के यहां निबंधित दस्तावेजों की संख्या बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि कर्मियों की सेवा अवधि के दौरान मृत्यु होने पर उनके परिजनों को चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने का आज निर्णय लिया। सूचना प्रावैधिकी विभाग के तहत बेल्ट्राॅन ने आउट सोर्सिंग के माध्यम से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और कार्यालयों में संविदा के आधार पर प्रोग्रामर, स्टेनोग्राफर, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) ब्याय एवं आईटी गर्ल्स का नियोजन किया है। उन्होंने बताया कि इन संविदाकर्मियों की यदि सेवा अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उनके निकटतम आश्रित को चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान दिया जाएगा।