केंद्र सरकार ने देश में 01 जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का मार्ग प्रशस्त करने में मदद के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राजनीतिक दलों और इसमें सहयोग करने वालों का आभार जताया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें जीएसटी को 01 जुलाई से लागू किये जाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों और सभी राजनीतिक दलों के साथ ही सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों, जीएसटी परिषद, सभी सांसदों, विधायकों तथा व्यापार एवं उद्योग संगठनों सहित समाज के सभी वर्गों का आभार जताया गया है।
प्रस्ताव में जीएसटी को स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा कर सुधार बताते हुये कहा गया है कि दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था में यह सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार है। जीएसटी को व्यापक बदलाव वाला सुधार बताते हुये कहा गया है कि इससे कारोबार का सरल माहौल बनेगा और उपभोक्ताओं तथा आम लोगों पर कर का बोझ कम होगा। जीएसटी को राष्ट्रीय एकीकरण और राजकोषीय संघवाद का उदाहरण बताते हुये कहा गया है कि यह भारतीय संघीय लोकतंत्र के काम करने का साक्ष्य है तथा केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ ही सभी राजनीतिक दलों के सहयोग से ही संभव हो सका है।