पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, दिवंगत संगीतकार एवं गीतकार भूपेन हजारिका और समाजसेवी नानाजी देशमुख को भारत रत्न से अलंकृत करने की घोषणा की गयी है। सत्तरवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इन तीन विभूतियों को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिये जाने की घोषणा की।
भूपेन हजारिका एवं नानाजी देशमुख को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है। गत तीन वर्षों में किसी को भी भारत रत्न नहीं दिया गया है। इससे पहले 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महामना मदनमोहन मालवीय को इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया था।
भूपेन हजारिका असम से यह पुरस्कार पाने वाले दूसरी शख्सियत हैं। उनसे पहले महान स्वतंत्रता सेनानी गोपीनाथ बारदोलोई को 1999 में मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया था। श्री मुखर्जी भारत रत्न पाने वाले देश के छठे व्यक्ति है, जो राष्ट्रपति पद को सुशोभित कर चुके हैं। इनमें से सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनने से पहले ही यह सम्मान मिला था।