बिहार कैडर के 1978 बैच के अवकाश प्राप्त आइएएस अधिकारी डॉ एमए इम्ब्राहीमी की अंग्रेजी में प्रकाशित पुस्तक ‘शासन प्रणाली में मेरी अनूभूति’ का लोकार्पण मंगलवार को नई दिल्ली में हुआ। इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में आयोजित समारोह में पुस्तक का लोकार्पण के बाद सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह ने कहा कि पुस्तक बिहार की राजनीतिक व प्रशासनिक अंतर्द्वंद्व की कई परतों को खुलेगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व के साथ प्रशासनिक तंत्र का समन्वय एक बड़ी चुनौती होती है और उम्मीद है कि इन चुनौतियों के कई अनुभव इस पुस्तकें में पढ़ने को मिलेंगे।
इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में पुस्तक का लोकार्पण
भागलपुर विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में अपना योगदान देने वाले श्री इब्राहीमी की पुस्तक के संबंध में इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर के अध्यक्ष श्री सिराजुद्दीन कुरैशी ने कहा कि इस पुस्तक में कई मामलों को बड़ी स्पष्टता व विनम्रता के साथ उठाया गया है। उन्होंने कहा कि एक अधिकारी के रूप जनता की समस्याओं के निदान में अपनी भूमिका सीमित मानते हुए लेखक ने स्वीकार किया है कि अधिकारी समाधान नहीं हो सकता है। प्रशासनिक तंत्र की सुदृढ़ता के साथ संसाधनों की उपब्धता और ईमानदार इस्तेमाल से ही जनता की अधिकतम अपेक्षाओं को पूरा किया जा सकता है।
अपनी पुस्तक के संबंध में स्वयं इब्राहीमी ने कई तथ्यों का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रशासनिक तंत्र का एक व्यापक अनुभव था। इसे अन्य लोगों के साथ शेयर करना चाहते थे, ताकि उन अनुभवों का लाभ ले सकें। एक लेखक के रूप हमारी यही इच्छा है कि यह पुस्तक प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों, यूपीएससी के तैयारी कर रहे छात्रों और बुद्धजीवियों के उपयोगी हो। इस मौके पर बड़ी संख्या में आइएएस, आइपीएस, विदेश सेवा के अधिकारियों के साथ गणमान्य लोग मौजूद थे।