आजादी के बाद देश की एकता और अखंडता को बनाये रखने के लिए कर्तव्य की वेदी पर प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों के लिए पहला राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और संग्रहालय राजधानी के इंडिया गेट के पास प्रिंसेस पार्क में बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गत अक्टूबर में 500 करोड रूपये की लागत से यह युद्ध स्मारक और संग्रहालय बनाने की मंजूरी दी थी। इस बारे में गठित अधिकार प्राप्त शीर्ष संचालन समिति ने प्रिंसेस पार्क को युद्ध स्मारक और संग्रहालय के लिए उपयुक्त स्थान पाया है । south

 

केंद्रीय कैबिनेट का फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आज यहां हुई बैठक को समिति के निर्णय की जानकारी दी गयी।  देश में आजादी के बाद शहीद हुए सैनिकों के लिए अभी कोई स्मारक नहीं है और 1960 के दशक से ही इसे बनाने की मांग चली आ रही थी। आंकडों के अनुसार आजादी के बाद से अब तक देश में 22 हजार से अधिक सैनिक कर्तव्य की वेदि पर सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं। इस परियोजना को पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य रख गया है और इस पर लगभग 500 करोड रूपये की लागत आयेगी। रक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त समिति इस परियोजना की निगरानी करेगी।  शहीद सैनिकों की स्मृति में अभी राजधानी में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति स्मारक है । इंडिया गेट स्थित स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाया गया था।

By Editor


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