रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज स्पष्ट किया कि जनरल इलेक्ट्रिकल्स (जीई) के निवेश से बिहार के मढ़ौरा में बनने वाले डीज़ल रेलइंजन कारखाना परियोजना को बंद करने की सरकार की कोई योजना नहीं है और अगर जरूरत पड़ी तो उसमें दोहरे ईंधन वाले इंजनों या विद्युत इंजनों का निर्माण भी कराया जायेगा। श्री गोयल ने रेल मंत्री बनने के बाद यहां रेल भवन में आयोजित अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में यह स्पष्टीकरण दिया।
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा तथा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी एवं अन्य सदस्य भी इस मौके पर मौजूद थे। उन्होंने यह भी बताया कि देश का पहला स्वदेशी ट्रेन सेट मई 2018 तक बन कर तैयार हो जाएगा। रेल मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मढ़ौरा में डीज़ल रेलइंजन कारखाना लगाया जा रहा है। एक लोकोमोटिव अमेरिका से रवाना हो चुका है, जो अगले माह यहां पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सही है कि रेलवे ने अपने शत प्रतिशत ट्रैक का विद्युतीकरण करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है और इससे देश की अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
उन्होंने कहा कि जीई के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक हुई है और कई विकल्प पर बात हुई है। श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार मढ़ौरा में रेल कारखाना लगाने के निर्णय पर कायम है। वाराणसी के डीज़ल रेल कारखाने में दोहरे इस्तेमाल के इंजन बनने शुरू हो गये हैं और दो विद्युत इंजन भी बनाए जा चुके हैं।