नीतीश कुमार सरकार के रोडमैप को जमीन पर उतारने के लिए प्रशासनिक महकमा दिन-रात जुटा हुआ है। फरवरी माह में सरकार के भविष्य को लेकर व्याप्त अनिश्चितता के कारण अधिकारी भी सुस्त पड़े थे। लेकिन नीतीश कुमार के सत्ता संभालने के बाद अचानक सचिवालय में सक्रियता हो गया।
बिहार ब्यूरो
नीतीश कुमार ने पदभार संभालने के अलगे ही प्रधान सचिव व सचिव स्तर पर अधिकारियों का बड़े पैमाने पर फेरबदल किया। अपने निजी सचिवालय में भी व्यापक फेरबदल किया। अमृतलाल मीणा की जगह डीएस गंगवार को मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनाया गया। इसके साथ मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा के जिम्मे से सूचना और जनसंपर्क विभाग का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया। अतीश चंद्र अब सीएम के पूर्णकालिक सचिव बन गए हैं, जबकि सरकार की छवि चमकाने का जिम्मा या आइपीआरडी का जिम्मा प्रत्यय अमृत को सौंप दिया। अमीर सुबहानी को दोनों महत्वपूर्ण विभाग सामान्य प्रशासन और गृह का जिम्मा सौंप दिया।
इस फेरबदल के बाद सचिवालय में काम में गति आ गयी है। 11 मार्च से बजट सत्र की शुरुआत हो रही है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण राज्यपाल का अभिभाषण है। वही सरकार का वास्तविक रोडमैप होगा। चुनावी वर्ष में जनभावनाओं के अनुकूल नीति और योजना सरकार को तय करनी होगी। इससे संदर्भ में मुख्य सचिव ने अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें प्रधान सचिव व सचिव मौजूद थे। उन्हें अपने-अपने विभागों की प्राथमिकता तय करने और बजटीय प्रस्ताव देने का निर्देश दिया है। इसी आलोक में अभिभाषण तैयार किया जाएगा और बजटीय प्रावधानों का रोडमैप तैयार किया जाएगा।