महात्मा गांधी को जान से मारने के षड्यंत्र को असफल बनाने वाले बतख मियां अंसारी के पौत्र कलाम अंसारी सहित परिवार के अन्य सदस्यों को इंकम टैक्स गोलंबर स्थित बिहार प्रशासनिक भवन में आयोजित समारोह में विशेष रूप से सम्मानित किया
पटना.
महात्मा गांधी के चंपारण यात्रा के सौ वर्ष पूरे होने पर पिछड़ा मुसलिम संगठन ने अंग्रेजों द्वारा महात्मा गांधी को जान से मारने के षड्यंत्र को असफल बनाने वाले बतख मियां अंसारी के पौत्र कलाम अंसारी सहित परिवार के अन्य सदस्यों को इंकम टैक्स गोलंबर स्थित बिहार प्रशासनिक भवन में आयोजित समारोह में विशेष रूप से सम्मानित किया. इस अवसर पर बतख मियां अंसारी के पौत्र कलाम अंसारी ने कहा कि वे जहां राज्य सरकार द्वारा चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोहों से उनके परिवार को दूर रखने एवं सम्मानित न किये जाने से हतप्रभ व क्षुब्ध हैं. वहीं, पिछड़ा मुसलिम संगठन द्वारा सम्मानित किए जाने को वे सबसे बड़ा सम्मान समझते हैं. उन्होंने कहा कि रविवार को जब वे गांधी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा से समक्ष परिवार सहित धरना पर थे तो पटना के जिलाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उनसे मिलने आये और यह समझाने का प्रयास किया कि राज्य सरकार केवल स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित कर रही है. श्री अंसारी ने कहा कि महात्मा गांधी की जान बचाना स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने से कम है क्या? अगर गांधी जीवित ही न बचते तो भारत कहां से आजाद होता, इसके लिए तो अलग सम्मान होना चाहिए. इस अवसर पर पिछड़ा मुस्लिम संगठन के हेसामुद्दीन अंसारी एवं हसनैन अंसारी ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह में योगदान देने वाले मुसलिम समुदाय के लोगों की उपेक्षा अति निंदनीय है.