नेपाल के तराई क्षेत्रों में पिछले एक सप्ताह से जारी भारी बारिश के कारण वाल्मीकि नगर गंडक बराज से छह लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना के बाद उत्तर बिहार के कुछ जिलों में बाढ़ की स्थिति और गंभीर होने की आशंका है।
आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप जिलों द्वारा तैयारी की गई है। वर्तमान में महानन्दा, बखरा, कंकई, परमार एवं कोसी नदी के जलस्तर में उफान से राज्य के पूर्णियां, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार एवं सुपौल जिला बाढ़ से प्रभावित हैं। बागमति, कमला बलान , कोसी और महानन्दा कई जगहों पर एक या एक से अधिक स्थानों पर खतरे के निशान से उपर बह रही है। सूत्रों ने बताया कि बाढ़ के मद्देनजर सुपौल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा एवं दीदारगंज, पटना में नेशनल डिजॉस्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की एक-एक टीमें लगायी गयी है, जबकि खगडि़या, सीतामढ़ी, पूर्णियां, भागलपुर, मधुबनी, मधेपुरा में स्टेट डिजॉस्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) की एक-एक टीम पहले से ही तैनात है। वहीं एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की दो-दो टीमें बिहटा, पटना में सुरक्षित रखी गई है। बाढ़ के कारण राज्य के आठ जिलों के 34 प्रखंडों के 1324 गांव की करीब साढ़े चार लाख की आबादी प्रभावित है।