काराकाट संसदीय क्षेत्र में दाउदनगर और डिहरी अनुमंडलीय मुख्‍यालय है। दोनों की दूरी लगभग 35 किलोमीटर की होगी। सोननदी के पूरब में दाउदनगर और पश्चिम में डिहरी। दोनों ओर सोननदी से निकलने वाली नहरें हैं। नहरों में कई जगह बिजली का उत्‍पादन भी हो रहा है। इस इलाके में सिंचाई का प्रमुख साधन नहर ही है।

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वीरेंद्र यादव

काराकाट यात्रा – 2 (अंतिम)  

 

चकाचक सड़कों ने अर्थव्‍यवस्‍था को तेजी प्रदान की तो बिजली और मोबाइल ने बाजार को नयी ताकत दी। सूचनाओं को रफ्तार भी दी। सभी प्रखंडों में कई-कई मोबाइल टावर नजर आते हैं। डिहरा और आयरकोठा जैसे गांवों में भी मोबाइल के टावर दिखते हैं। जरूरत के अनुसार अन्य जगहों पर टावर लगाए गए हैं। प्रखंड मुख्‍यालयों के साथ गांवों तक भी बिजली पहुंच गयी है। छोटे-छोटे गांव भी बिजली से रौशन हैं, लेकिन उपलब्‍धता पर बहस हो सकती है। बिजली की आपूर्ति से मोबाइलों की संख्‍या में इजाफा हुआ है।yatra4

बिजली की उपलब्‍धता के किसी बड़े उद्योग की स्‍थापना नहीं हुई है। लेकिन आम जनजीवन को रौशनी जरूर सुलभ हो गयी है। बिजली के कारण व्‍यावसायिक दुकानों चकाचौंध हो रही हैं। कुलर से लेकर एसी तक आम हो रही हैं। बिजली से बाजार रौशन हैं तो कारोबार में इजाफा हो रहा है। लेकिन मोबाइल ने बाजार को रफ्तार दी है। दाउदनगर और डिहरी मोबाइल का बड़ा बाजार बन गया है। यहां की कुछ दुकानों में लाखों रुपये की प्रतिदिन मोबाइल सेट की बिक्री हो रही है। महंगे से महंगे मोबाइल के कस्‍टमर इन शहरों में उपलब्‍ध हैं।

 

गांवों की बदल रही अर्थव्‍यवस्‍था और गांवों में नया व्‍यावसायिक वर्ग पैदा होने का असर शहरों के बाजारों में पड़ा है। गांवों का रहन-सहन तेजी से बदल रहा है। ग्रामीणों इलाकों में भी ब्‍यूटी पार्लर में कस्‍टमरों की संख्‍या बढ़ रही है। लगन और त्‍योहारों में इसकी संख्‍या में काफी इजाफा होता है। अब मोबाइल गांवों और शहरों, ग्राहकों और दुकानदारों, थोक और खुदरा व्‍यवसायियों के बीच संचार का माध्‍यम बन गया है। मोबाइल और वाट्सअप से लोग सामानों की उपलब्‍धता की जानकारी हासिल कर रहे हैं और उसके अनुसार अपनी मांग की पूर्ति करवा रहे हैं। गांवों के दुकानदार अब सामान लाने के लिए बाजार नहीं जा रहे हैं। वे सामानों की सूची थोक बिक्रेताओं के पास वाट्सअप पर भेज रहे हैं और उसी आर्डर के आधार पर थोक दुकानदार सामानों की आपूर्ति ग्रामीण दुकानदारों को कर रहा है।yatra6

सब्‍जी बाजार पर भी मोबाइल सिर चढ़कर बोल रहा है। खेत से लेकर मंडी तक सब्‍जी के भाव से किसान और कारोबारी अवगत हो रहे हैं। सोन के अगल-बगल वाले कोइरी बहुल गांवों में सब्जियां खूब होती हैं। सोन में सब्‍जी खूब होती है। सुबह-सुबह सड़कों के किनारे भी सब्‍जी बाजार जम जाती है। किसान सब्‍जी लेकर सड़क पर बैठ जाते हैं और वहीं से कारोबारी माल उठा लेते हैं। इससे समय की भी बचत होती है। अब तो मंडी और खेत के बीच मोबाइल ही ‘दलाल’ की भूमिका में आ गया है। उसी के माध्‍यम से कारोबार हो रहा है।

 

काराकाट क्षेत्र में विकास के कई कारक एक साथ काम कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में विकास की कई राह खुले हैं। निजी शैक्षणिक संस्‍थानों की बाढ़ आ गयी है। इसमें कई बेहतर प्रदर्शन भी कर रहे हैं। पंचायत राज संस्‍थओं ने  भी विकास को नयी गति दी गयी है। पंचायत राज के माध्‍यम से पंचायतों में पहुंच रहे पैसे ने गांवों का अर्थतंत्र बदला है। निर्माण कार्यों में तेजी आयी है। सरकारी योजनाओं के लिए पैसों का प्रवाह गांवों तक तेजी से हो रहा है। इससे गांवों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं तो जीवन स्‍तर भी सुधरा है।  कुल मिलाकर काराकाट संसदीय क्षेत्र राज्‍य के अन्‍य हिस्‍सों के तरह तेजी से विकास कर रहा है। इसमें सरकार के साथ आमलोगों की सहभागितता की भूमिका भी महत्‍वपूर्ण है।

By Editor


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