संख्त नियमों के कारण बिहार के करीब एक सौ अधिकारी हर वर्ष बिना प्रोमोशन के रिटायर हो जाते हैं.पर नौकरशाही के गलियारे में इस बात की अब उम्मीद जगी है कि नये वर्ष में सैकड़ों अधिकारियों को पदोन्नति मिल सकती है.
राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें आग्रह किया गया है कि प्रमोशन को नियमों को थोड़ा आसान किया जाये.
वर्तमान सेवा शर्तों की कठिनता का आलम यह है कि अकसर अधिकारी इन नियमों को पूरा ही नहीं कर पाते और रिटायर हो जाते हैं.मौजूदा नियमों के अनुसार उपसचिव से अपर समाहर्ता के पद पर प्रोमोट होने के लिए पांच वर्ष, अपर समाहर्ता से संयुक्त सचिव में पांच वर्ष, संयुक्त सचिव से अपर सचिव तथा अपर सचिव से विशेष सचिव के पद पर प्रोमोट होने के लिए दो वर्ष की सेवा अनिवार्य है. पर इन सेवा शर्तों को पूरी करने के पहले ही अधिकतर अधिकारी रिटायर हो जाते हैं.
पद प्रमोशन की अवधि
उपसचिव से अपर समाहर्ता- 5 साल
अ.समाहर्त से सं सचिव- 5 साल
सं. सचिव से अपर सचिव- 2 साल
अपर सचिव से विशेष सचिव- 2 साल
यदि सरकार ने नियमों को शिथिल नहीं किया, तो गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी 100 अधिकारी बिना प्रोमोशन के रिटायर हो जायेंगे. अगर शीर्ष पदों पर अधिकारियों को प्रोमोशन नहीं दिया गया, तो सरकार के कामकाज पर असर पड़ सकता है.
कहां कितने पद हैं खाली
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार विशेष सचिव के 24 पद, अपर सचिव के 48, संयुक्त सचिव के 131, अपर समाहर्ता के 159, उपसचिव के 176, एसडीओ एवं उसके समकक्ष स्तर के 273 तथा प्रशिक्षण के लिए 40 पद सृजित हैं. वर्तमान में विशेष सचिव के 22, अपर सचिव के 60, संयुक्त सचिव के 102, अपर समाहर्ता स्तर के 120 तथा एसडीओ एवं इसके समकक्ष स्तर के 72 पद खाली हैं