निजी शिक्षण संस्थानों की मान्यता देने में रिश्वतखोरी की बात जगजाहिर है पर पटना साहिब ग्रुप ऑफ कालेजेज के(पीएसजीसी) ने इस मामले को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई है.
पीएसजीसे को उद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चलाने की मान्यता देने के लिए बिहार के विज्ञान एंव तकनीक विभाग के निदेशक ध्रव प्रसाद ने डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी. इसके लिए वह महीनों से पीएसजीसी अधिकारियों को दौड़ा रहे रहे थे. लेकिन निगरानी ब्यूरो ने उन्हें कल देर रात डेढ़ लाख रिश्वत लेते हुए धर दबोचा है.
गुप्त सूचना के आधार पर निगरानी ब्यूरो की यह कार्रवाई निदेशक के मुजफ्फरपुर एमआइटी परिसर स्थित आवास में की गयी. वह एमआईटी के प्राचार्य भी हैं.
निदेशक अपने आवास पर ही आइटीआइ का अवैध रूप से निबंधन मुहैया कराने के नाम पर घूस ले रहे थे. पीएसजीसी के अधिकारियों ने इसके लिए पहले निगरानी ब्यूरो को सूचित किया और तय समय पर वे लोग रिश्वत देने ध्रव प्रसाद के आवास पर पहुंच गये. इसी दौरान निगरानी ब्यूरो की टीम ने निदेशक को रंगे हाथ पकड़ लिया.
ध्रुव प्रसाद विज्ञान व तकनीकी विभाग के निदेशक के पद पर पदस्थापित हैं. निगरानी ब्यूरो के डीजी पीके ठाकुर ने इसके बारे में कहा है कि विभाग की टीम उनके खिलाफ कई दिनों से लगी थी.