बिहार सरकार द्वारा भ्रष्ट सरकारी सेवकों पर कसते शिकंजे का असर दिखने लगा है. अभी तक 126 को बर्खास्त किया जा चुका है जबकि संभव है कि अप्रैल तक 300 भ्रष्ट कर्मी बर्खास्त कर दिये जायेंगे.
प्रभात खबर की रिपोर्ठ के अनुसार भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में सरकार ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है. जिस हिसाब से आरोपितों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के निष्पादन में तेजी आयी है, उसके लगता है कि सरकार की अप्रैल तक 300 भ्रष्ट लोक सेवकों को सेवा से बरखास्त करने की योजना है. इनमें से अब तक 126 को बरखास्त किया जा चुका है.
जो भ्रष्ट लोक सेवक रिटायर्ड हो गये हैं, उनमें से एक दर्जन की पेंशन जब्त करने की तैयारी अंतिम चरण में है. इनमें लगभग आधा दर्जन रिटायर्ड आइएएस व आइपीएस भी शामिल हैं.
* अभियान चला अभियोजन की स्वीकृति दें : सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, विभागीय जांच आयुक्त से जिन आरोपित लोक सेवकों को कोर्ट से सजा मिल गयी है और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही का संचालन अधूरा है, उसे भी जल्द पूरा करने का अनुरोध किया गया है. ऐसे लोक सेवकों की संख्या 91 है.
विभाग से यह भी कहा गया है कि जिन मामलों में अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी जा सकी है, उनमें तुरंत अभियान चला कर स्वीकृति दें. विदित हो कि अभियोजन स्वीकृति के लिए लगभग 300 लोक सेवकों के मामले विभिन्न विभागों में लंबित हैं. प्रावधान के अनुसार, अभियोजन स्वीकृति में विधि विभाग की सहमति आवश्यक है. छह सेवानिवृत्त आइएएस, जिनमें चार झारखंड कैडर के हैं, के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के मामले लंबित हैं. बिहार प्रशासनिक सेवा के 94 अधिकारियों के खिलाफ भी अभियोजन स्वीकृति का मामला लंबित है.
– मामलों पर एक नजर
* भ्रष्टाचार 950
* आरोपपत्र दाखिल 843
* आय से अधिक संपत्ति 25
* घूसखोरी 900
* कोर्ट से सजा 91
* अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित 300