केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीबीसी) प्रत्येक वर्ष सरदार बल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन (31 अक्टूबर) वाले सप्ताह में सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाता है. इस वर्ष 29 अक्टूबर से 03 नवम्बर तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जाएगा. इस वर्ष का विषय है ‘भ्रष्टचार मिटाओ-नया भारत बनाओ.’इसके लिए आयोग ने सभी केन्द्रीय मंत्रालयों/संगठनों को अपने संगठन के अंदर और बाहर लोगों/नागरिकों के लिए निम्नलिखित गतिविधियां चलाने का अनुरोध किया है.
नौकरशाही डेस्क
पीआईबी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, केन्द्रीय सतर्कता आयोग सतर्कता जागरूकता सप्ताह में भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई में सामूहिक रूप से भाग लेने के लिए हितधारकों को प्रेरित करता है. सतर्कता जागरूकता सप्ताह का उद्देश्य भ्रष्टाचार से होने वाले नुकसान के बारे में जन जागरूकता पैदा करना है. संगठन के अंदर चलाई जाने वाली गतिविधियों में सभी कर्मचारियों द्वारा ईमानदारी की शपथ लेना,ऐहतियाती सतर्कता गतिविधियों पर पर्चें बांटना, कार्यशाला आयोजित करना और संगठन की नीतियों/प्रक्रियाओं पर कर्मचारियों तथा अन्य हितधारकों को संवेदी बनाने का कार्यक्रम आयोजित करना शामिल हैं.
लोगों/नागरिकों के लिए प्रमुख स्थानों/कार्यालय स्थानों/फील्ड इकाइयों में बैनर, पोस्टर प्रदर्शन किये जा सकते है और पर्चे बांटे जा सकते हैं. नागरिकों/उपभोक्ताओं के लिए शिकायत समाधान शिविर का आयोजन किया जा सकता है और लोगों को ऑनलाइन रूप से ईमानदारी की शपथ दिलायी जा सकती है. स्कूल तथा कॉलेजों के विद्यार्थियों के बीच भ्रष्टाचार के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता पैदा करने पर बल देने,प्रत्येक फील्ड इकाई/सीपीएसई की प्रत्येक शाखा द्वारा स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थियों तक पहुंचने के प्रयास किये जा सकते है.
इस संबंध में व्याख्यान, परिसंवाद, वाद-विवाद, लेखन, आदर्श वाक्य, कार्टून,पोस्टर लगाने तथा नैतिक मूल्यों और सुशासन के व्यवहारों पर पूरे देश में आयोजन किये जा सकते हैं. 2017 में 15,000 से अधिक स्कूलों और 3200 से अधिक कॉलेजों में इस तरह की गतिविधियां आयोजित की गई, जिसमें 14.70 लाख बच्चें शामिल हुये थे. स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों की भावना विकसित करने के लिए ‘इंटेग्रिटी क्लब’ की स्थापना नई विशेषता है.
ग्राम पंचायतों (ग्रामीण और अर्द्धशहरी क्षेत्रों) में जागरूकता फैलाने के लिए‘जागरूकता ग्राम सभा’ आयोजित की जाती है ताकि भ्रष्टचार के दुष्प्रभावों के बारे में ग्रामीण नागरिकों को संवेदी बनाया जा सकें. 2017 में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान 67,131 ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया. सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान अनेक संगठन सोशल मीडिया मंचों, बड़ी संख्या में एसएमएस, ई-मेल, वॉट्सअप का उपयोग करेंगे.