बिहार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मल्लाह-निषाद एवं उपजातियों को जल्द आदिवासी में शामिल करने और आबादी के अनुपात में आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम से मिलने जायेंगे.
नौकरशाही डेस्क
सोमवार को अपने पटना स्थित आवास पर अयोजित निषाद-मल्लाह समाज की बैठक की अध्यक्षता कर रहे श्री साहनी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निषाद-मल्लाह एवं उप-जातियों को आदिवासी में शामिल कराने के लिए केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को इन्थनोग्राफिक्स रिपोर्ट के साथ अनुशंसा भेजे हैं, इसके लिए पूरे समाज की ओर से हम उन्हें आभार प्रकट करते हैं. उन्होंने कहा कि पहले मत्स्यजीवी सहयोग समिति का चुनाव5 साल में होता था, इसकी बंदोवस्ती 7 साल में होती थी और पट्टा हर साल होता था, इससे विवाद की स्थिति उत्पन्न होती थी,इसलिए सरकार ने बंदोवस्ती और पट्टा को भी 5 साल के लिए करने का निर्णय लिया है.
सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने कहा कि ऐसी अफवाह थी कि महिला मत्स्यजीवी सहयोग समिति का गठन किया जाएगा,जिसमे अन्य वर्ग की महिलाओं को शामिल किया जाएगा, ये बस अफवाह है ऐसी कोई भी योजना नहीं बनायी गयी है.
सभा का संचालन कर रहे वैशाली के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी विजय कुमार सहनी ने कहा कि मछली की ढुलाई के लिए दोपहिया और चारपहिया वाहनो पर दलितों की तरह निषाद-मल्लाह को भी 90 फीसदी अनुदान दिया जाय, अभी 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. मल्लाह महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक निषाद ने कहा कि शिक्षा के बिना हमारे समाज का उत्थान नहीं हो सकता, हमें शिक्षा के प्रति भी समाज को जागरुक करना होगा. सभा को संबोधित करते हुए जद (यू.) के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश में एक ही गठबंधन की सरकार है इसलिए मल्लाह को आदिवासी में शामिल होने में कोई अड़चन नहीं आयेगी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके प्रति गंभीर हैं.