दुनिया भर से ५ हज़ार से अधिक इस्सयोगी लेंगे भाग, तैयारियाँ पूरी
जगत कल्याण के लिए की जाएगी ‘ब्रह्माण्ड-साधना’, बनाई जाएगी मानव-ऋंखला
सूक्ष्म आध्यात्मिक साधना पद्धति‘इस्सयोग‘ के प्रवर्त्तक और अन्तर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के संस्थापक ब्रह्मलीन संत महात्मा सुशील कुमार का १७वाँ महानिर्वाण महोत्सव पटना के गोलारोड स्थित एम एस एम बी भवन में २३–२४ अप्रैल को मनाया जाएगा। इस महोत्सव में भाग लेने के लिए अमेरिका, इंग्लैंड,सिंगापुर, औस् ट्रेलिया,न्यूज़ीलैंड समेत दुनिया भर से पाँच हज़ार से अधिक साधक और साधिकाएं भाग ले रहे हैं। इस उत्सव में भाग लेने के लिए, अन्तर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के उपाध्यक्ष पूज्य बड़े भैया श्रीश्री संजय कुमार, न्यूजर्सी से पटना आ चुके हैं।
दो दिवसीय इस उत्सव का आरंभ,कंकड़बाग स्थित संस्था के मुख्यालय और गुरुधाम में,२३ अप्रैल को अपराहन ३ बजे, संस्था की अध्यक्ष और सद्ग़ुरुमाता माँ विजया जी की दिव्य उपस्थित्ति में मंगल–दीप प्रज्वलन कर किया जाएगा। इसके पश्चात आधे घंटे की आह्वान की साधना,स्मारिका विमोचन और १७ घंटे की अखंड–साधना और संकीर्तन का आरंभ होगा,जो अगले दिन, २४ अप्रैल के पूर्वाहन ९ बजे आरती के साथ संपन्न होगा।
संस्था के गोला रोड स्थित उत्सव–भवन,एम एस एम बी भवन में इसका आरंभ २३ अप्रैल को अपराहन सवा ६ बजे दीप–प्रज्वलन और सदगुरुदेव और गुरुमाँ की मूर्तियों पर माल्यार्पण के साथ किया जाएगा। पौने आठ से सवा आठ बजे तक, जगत–कल्याण के निमित्त सामूहिक ‘ब्रह्माण्ड–साधना‘की जाएगी।
२४ अप्रैल को, प्रातः सवा पाँच बजे से साढ़े पाँच बजे तक, गुरुधाम के सामने सड़क पर इस्सयोगी–मानव–शृंखला बनाकर जगत कल्याण के लिए मानसिक–प्रार्थना की जाएगी। पुनः गोलारोड में साढ़े ११ बजे से हवन–यज्ञ,उसके पश्चात सद्ग़ुरु द्वारा प्रयोग में लाई गई वस्तुओं और स्मृति–चिन्हों की प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा पूज्य बड़े भैया एवं सदगुरुमाता माँ विजया जी का आशीर्वचन होगा। इस अवसर पर मेधावी इस्सयोगियों को महात्मा सुशील माँ विजया प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्रदान किए जाएँगे।
इस दिव्योत्सव में संस्था के सचिव के एस वर्मा, संयुक्त सचिव उमेश कुमार, संगीता झा, संदीप गुप्ता,डा अनिल सुलभ, सरोज गुटगुटिया, लक्ष्मी प्रसाद साहू, श्रीप्रकाश सिंह, अनंत कुमार साहू, शिवम् झा समेत संस्था के अधिकारी और स्वयंसेवक व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु सक्रिए रहेंगे। बाहर से आने वाले इस्सयोगियों के भोजन और आवास के लिए सभी प्रकार की उचित व्यवस्था की जा चुकी है।