गया बिहार का वह पहला नगरनिगम है जहां की महापौर विभा देवी आपरादिक मामले में फरार हैं तो उप महापौर कॉल गर्ल संग यौनाचार मामले में गिरफ्तार होके सलाखों में बंद हैं.
विनायक विजेता
गया नगर निगम की महापौर विभा देवी एक आपराधिक मामले में दिसम्बर महीने से ही फरार चल रही हैं जबकि उप-महापौर ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव और दो अन्य पार्षदों को सोमवार की रात पटना के होटल में रंगरेलियां मनाते हुए पुलिस ने धर दबोचा.
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गया की महापौर विभा देवी पर गया के कोतवाली थाना में सरकारी काम में बाधा और पीलग्रीम अस्पताल के चिकित्सकों के साथ मारपीट करने का मामला दर्ज है. विभा देवी गया के जिस वार्ड संख्या-5 से पार्षद का चुनाव जीती हैं उसी इलाके के कंडी नवादा मोहल्ले की एक महिला मरीज को गया के पीलग्रीम अस्पताल में दाखिल किया गया था जिसकी दूसरे दिन मौत हो गई.
इसके बाद विभा देवी अस्पताल पहुंचीं और सरकारी चिकित्सकों पर मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया और अपने समर्थकों के साथ कथित तौर पर चिकित्सकों के साथ मारपीट की थी. इस घटना के बाद विभा के ऊपर आपराधिक मामला दर्ज कराया गया और उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हुई. इस घटना के बाद से विभा फरार हैं.
इधर पटना के एक होटल में दो नाबालिग लड़कियों के साथ रंगरेलियां मनाते पकड़े गए उप-महापौर मोहन श्रीवास्तव का तो निकट भविष्य में क्या लंबे समय तक जेल से निकलने की संभावना नहीं है क्योंकि उनपर पीड़ित लड़कियों के अपहरण और गैंगरेप के साथ कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है.
मोहन श्रीवास्तव पर इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले के आरोप लग चुके हैं. पिछले दिनों मेंस व्यूटी पार्लर में जिस्मफरोशी का मामला सामने आया था. इस मामले में मोहन का नाम भी उछला था. इतना ही नहीं स्थानीय लोगों ने मोहन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया और उनका पुतला भी फूका था.
हालांकि मोहन इन आरोपों का खंडन करते रहे हैं. लेकिन यह पहला अवसर है जब मोहन रंगे हाथों गिरफ्तार हो चुके हैं और उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगे हैं.
इस तरह दोनों ‘पौर’ पर आयी आफत के बाद गया नगर निगम ‘पौर’ विहीन हो गया. गया बिहार का एक मात्र शहर है जहां महापौर और उप महापौर पर मामले दर्ज हो चुके हैं.