गगन–भेदी जयघोष के साथ महात्मा सुशील का दो दिवसीय महानिर्वाण महोत्सव हुआ आरंभ
पटना, २३ अप्रैल। अन्तर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के संस्थापक एवं सूक्ष्म आध्यात्मिक साधना पद्धति ‘इस्सयोग‘ के प्रवर्त्तक ब्रह्मलीन सदगुरुदेव महात्मा सुशील का दो दिवसीय १६वाँ महानिर्वाण महोत्सव, हज़ारों मुख से एक स्वर में हुए गगन–भेदी जयघोष के साथ, आज आरंभ हो गया। कंकड़बाग हाउसिंग कौलोनी स्थित संस्था के मुख्यालय ‘गुरुधाम‘ में आज तीसरे पहर ढाई बजे, संस्था की अध्यक्ष सद्गुरुमाता माँ विजया जी के निर्देश पर संस्था के उपाध्यक्ष पूज्य बड़े भैया श्रीश्री संजय कुमार ने मंगल दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया।
उद्घाटन समारोह में संस्था के सचिव के एस वर्मा तथा शिवम् झा ने सद्ग़ुरु एवं गुरुमाँ की मूर्तियों पर माल्यार्पण किया। एल पी साहू ‘मामाजी‘ ने दोनों मूर्तियों पर रेशमी चादर अर्पण किया। इसके पश्चात आधे घंटे की सामूहिक ‘आह्वान साधना‘ की गई, जिसके साथ हीं १६ घंटे की अखंड सामूहिक साधना और संकीर्तन आरंभ हुआ। इस अवसर पर संस्था की त्रैमासिक पत्रिका ‘इस्सयोग संदेश‘ के महानिर्वाण–महोत्सव विशेषांक का लोकार्पण प्रभात कुमार द्वारा किया गया। पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ, समर्पण के भाव से हज़ारों साधक–साधिकाओं ने अपने परम आराध्य ब्रह्मलीन सदगुरुदेव के चरणों में अपनी मौन श्रद्धांजलि अर्पित की।
१६ घंटे के अविराम संकीर्तन का आरंभ प्रणव गुप्ता ने ‘गणेश–वंदना‘ से किया। इसके पश्चात सद्ग़ुरु और गुरुमाँ की वंदना के साथ भजनों की अविराम मनकाएँ, चित्ताकर्षक मोतियों की भाँति लड़ियों में पिरोयी जा रही है। यह क्रम अगली सुबह, २४ अप्रैल को, प्रातः साधे सात बजे तक जारी रहेगा। और इस प्रकार १६ घंटे की यह आराधना, १६वें महानिर्वाण महोत्सव पर सद्ग़ुरु के चरणों को समर्पित होगी।
संस्था की संयुक्त सचिव सरोज गुटगुटिया के अनुसार, दो दिनों के इस उत्सव में संस्था के संयुक्त सचिव उमेश कुमार, संगीता झा, डा अनिल सुलभ, संदीप गुप्ता, नीना दूबे गुप्ता, श्रीप्रकाश सिंह, ए के साहू, डा जेठानंद सोलंकी, डा द्राशनिका पटेल, दुर्गा दास पंडा, युगल किशोर प्रसाद, डा सुंदर राजन, ममता जमुआर, कपिलेश्वर मंडल, वंदना वर्मा, दीनानाथ शास्त्री, मनोज राज, राकेश श्रीवास्तव, सुमन सुहासरिया, अजीत पटनायक, रवींद्र कुमार, अजय पाण्डेय, डा के राजा रमन, तथा योगेन्द्र प्रसाद समेत अमेरिका, इंगलैड, औस्ट्रेलिया,सिंगापुर, थाईलैंड तथा दुबई समेत दुनिया भर से आठ हज़ार से अधिक साधकगण भाग ले रहे हैं।