2011 के नवीनतम जनगणना रिपोर्ट से पता चला है कि भारतीय इतिहास में पहली बार मुसलमानों की आबादी में इजाफे की दर, हिंदुओं से भी ज्यादा कम हुई है.
नौकरशाही न्यूज
जनगणना के अब तक के जितने आंकड़े उपलब्ध हैं उन में 2011 का आंकड़ा नवीनतम है. इस प्रकार मुसलमानों की वृद्धि दर में अब तक की सबसे तेज गिरवाट दर्ज की गयी है.
हालांकि मुसलमानों की आबादी में वृद्धि की अब भी जो दर है वह अन्य समुदायों के अपेक्षा अब भी थोड़ा तेज है.
अगर आप आंकड़ों को ध्यान से देखें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि 2001 में हिंदुओं की आबादी में इजाफे की दर जहां 19.92 प्रतिशत थी वह 2011 में 3 प्रतिशत के आस पास घटी. जबकि इसी पीरियड में मुसलमानों की वृद्धि दर में लगभग 5 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी. 2001 में मुसलमानों की आबादी में इजाफे की दर 29.52 प्रतिशत थी. जबकि 2011 में यह गिर कर महज 24.6 प्रतिशत रह गयी.
2011 के आंकड़ों के अनुसार भारत में 96.63 करोड़ हिंदू है जो कि कुल आबादी का 79.8 प्रतिशत है. जबकि मुसलमानों की कुल आबादी 17.2 करोड़ है और यह भारत की कुल आबादी का 14.2 प्रतिशत है. इसी प्रकार ईसाई की आबादी 2.3 प्रतिशत है जबकि सिखों की आबादी 2.16 प्रातिशत है.
जनगणना के रजिस्ट्रार जनरल ने मंगलवार को ये आंकड़े जारी किये. इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन व अन्य का डॉटा शामिल है.
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