आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के अल्पसंख्यकों के प्रति प्रेम को चुनौती देते हुए अब तक अपने घोषित 46 उम्मीदवारों में से 11 मुस्लिमों के मैदान में उतारा है.
उत्तर प्रदेश में देश के सर्वाधिक मुस्लिम हैं जहां 30 सीटों पर मुसलमानों की संख्या निर्णायक मानी जाती है.
आम आदमी पार्टी ने अभी तक उत्तर प्रदेश से लोकसभा के 46 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है. इनमें 11 मुस्लिम प्रत्याशी हैं. इस प्रकाj आआपा ने 24 प्रतिशत मुस्लिमों को टिकट दिया है.
मुसलमानों को टिकट देने के मामले में बहुजन समाज पार्टी अभी तक काफी दिलेर मानी जाती रही है लेकिन जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों में मुसलमानों को तरजीह दी है उस से लगता है कि वह बसपा को इस मामले में चुनौती देगी. बसपा ने हाल दो साल पहले हुए विधानसभा चुनावों में 20 प्रतिशत टिकट मुसलमानों को दिया था.
बसपा के बाद समाजवादी पार्टी मुसलमानों को ज्यादा नुनाइंदगी देती है.
आम आदमी पार्टी के इन मुस्लिम उम्मीदवारों में इलियास आजमी (जो 1996, 2004 में सांसद रह चुके हैं) हैं. 74 वर्षीय आजमी ने बसपा छोड़ कर आप ज्वाइन किया है. इसी प्रकार साबिर राही अलीगढ़ से उतारे गये हैं. जबकि अमरोहा से कल्बे राशिद चुनाव लड़ेंगे. वारिस इकबाल भदोई से भाग्य अजमायेंगे. बदरे आलम डोमरियांगंज, जिलाउल हक फतहपुर जबकि मासूक उस्मानी गोड्डा से लड़ेंगे. इसी तरह मो. यामीन मुजफ्फरनगर से मोर्चा संभालेंगे.
मेहदी बाकिर सोहैल संभल से लड़ेंगे. डा. महमूद हुसैन कानपुर से श्री प्रकाश जायसवाल को चुनौती देंगे. इसी तरह खालिद परवेज मुरादाबाद से किस्मत आजमायेंगे.
मेहदी बाकिर सोहैल एक कारोबारी हैं. वह फलोरिडा में रहते हैं. जबकि कल्बे राशिद आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेम्बर हैं. इसी तरह गोड्डा से चुनाव लड़ने वाले मासूक उसमानी इंटिरियर डिजाइनर हैं और वह गुजरात के 2002 के दंगों के शिकार रहे हैं.