साहित्य सम्मेलन में आयोजित हुई कवि–गोष्ठी
पटना, १४ मई। सीमा पर अपने शौर्य और पराक्रम से भारतीय सेना में सम्मानित रहे तथा अवकाश ग्रहण के समय कर्नल की मानद उपाधि से विभूषित किए गए मेजर राजेंद्र प्रसाद की स्मृति में आज, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में, सर्वभाषा कवि–सम्मेलन का आयोजन किया गया।
डा राजेंद्र प्रसाद कला एवं युवा विकास समिति के तत्त्वावधान में साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ की अध्यक्षता में आयोजित इस कवि सम्मेलन में हिंदी, उर्दू, मैथिली भोजपुरी, बज्जिका, अंगिका और बंगला के कवियों ने अपनी रचनाओं से कवि–सम्मेलन को चिर स्मरणीय बना दिया। कवयित्रियों और शायराओं तथा युवा कवियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति कवि–सम्मेलन की बड़ी उपलब्धि रही।
कवि सम्मेलन का आरंभ कवयित्री सरस्वती सिंह ‘सरस‘ की वाणी–वंदना से हुआ। भोजपुरीं की वरिष्ठ कवयित्री डा सुभद्रा वीरेंद्र ने अपनी रचना “रउरे आसरा में जिनगी भुलाइल रहे/ जी फ़ुनगी पर मैना टंगाइल रहे “को स्वर दिया तो कवि–सम्मेलन रोमांचित हो उठा। वरिष्ठ शायर आर पी घायल ने कहा कि “अँधेरी रात में दीये जलाना भी इबादत है/ किसी की याद में आँसू बहाना भी इबादत है।“
युवा कवि समीर परमाल ने कहा कि, “लहू के घूँट पीकर जी रहे हैं/ लिए सीने में पत्थर जी रहे हैं/ हमारी पीठ का एहसान है ये, ज़माने भर के ख़ंजर जी रहे हैं।” विकास वैभव का कहना था कि,कोशिशें की लाख लेकिन नफ़रतों के दौर में/ प्यार का मंदिर बनाया था मगर वो ढह गया“।
वरिष्ठ कवयित्री कालिन्दी त्रिवेदी, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, मगही के कवि उदय शंकर शर्मा, सूरज ठाकुर बिहारी, अमियनाथ चटर्जी, ओम् प्रकाश पांडेय ‘प्रकाश‘, कवि घनश्याम, नेहा नपूर, विकास राज, अक्स समस्ती पूरी, आराधना प्रसाद, साजिया नाज़, उत्कर्ष आनंद, नसीम अख़्तर, ज्योति स्पर्श, मासूमा खातून, डा सीमा यादव, अमितेश मिश्र, रमेश कँवल, कंचन सहाय, जुर्रियत फातिमा, नवनीत कृष्णा, प्रेरणा प्रताप आदि कवियों और कवयित्रियों ने भी अपनी रचनाओं से ख़ूब तालियाँ बटोरीं।
इस अवसर पर सम्मेलन के उपाध्यक्ष नृपेंद्र नाथ गुप्त, डा कल्याणी कुसुम सिंह, पूनम आनंद, सागरिका राय, योगेन्द्र प्रसाद मिश्र, पंकज प्रियम, जय प्रकाश पुजारी, कृष्ण रंजन सिंह, डा कुमार वीरेंद्र, डा विनय कुमार विष्णुपुरी समेत बड़ी संख्या में कविगण और प्रबुद्ध जैन उपस्थित थे। मंच का संचालन संस्था के अध्यक्ष नेहाल कुमार सिंह ‘निर्मल‘ ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कंदन आनंद कने किया।