EXCLUSSIVE- Population Policy मुसलमानों नहीं, पिछड़े हिंदुओं के लिए घातकEXCLUSSIVE- Population Policy मुसलमानों नहीं, पिछड़े हिंदुओं के लिए घातक

मुख्यमंत्री योगी और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने अपनी गोरखपुर व फुलपुर  लोकसभा सीट गंवाने के बाद आज कैराना लोकसभा और नूरपुर विधान सभा सीट गंवा दीं. कैराना में योगी ने घोषणा की थी कि वोटों का ध्रुवीकरण हो चुका है. पर उनकी सारी कोशिशों को वहां की जनता ने धूल चटा दी.

 

कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों ने उनके खाते में एक और हार लिख दी है, वहीं बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले नूरपुर विधानसभा की सीट भी योगी नहीं बचा पाये. पहले से ही सरकार और पार्टी के अंदर घिरते जा रहे योगी आदित्यनाथ के लिए ये नए नतीजे मुसीबत खड़ी करने वाले हैं. कैराना से आरएलडी के तब्बसुम हसन पचास हजार से ज्यादा वोटो से जीती. आरएलडी को कांग्रेस, सपा, बसपा का समर्थन प्राप्त था. वहीं नूरपुर  विधानसभा से सपा के नईमुल हसन ने भाजपा के उम्मीदवार को हराया.

चुनाव प्रचार के दौरान  योगी आदित्नाथ ने जितना संभव था परोक्ष रूप से वोटरों में जहर भरने की घोषणा की. उन्होंने ने तो शामली में यहां तक कहा कि मुजफ्फरनगर दंगा ने राज्य में वोटरों का पूरी तरह ध्रुवीकरण हो गया है. लोग गौरव और सचिन की हत्या नहीं भूले हैं. एक मुख्यमंत्री किसी खास धर्म के लोगों की हत्या को इश्यु बनाये जबकि ऐसी ही हत्यायें अन्य समाज के लोगों की भी हुई हो तो उस पर बेशर्म चुप्पी साध ले. इस मानसिकता को कैराना के लोगों ने करारा जवाब दिया और योगी की नफरत को हरा दिया.

योगी ने शामली में यहां तक कहा था कि लोग हम से पूछ रहे हैं कि जिन्ना या गन्ना. तो मेरा जवाब है कि हम गन्ना किसानों को भी राहत देंगे लेकिन जिन्ना की तस्वीर भी नहीं लगने देंगे.

 

 

By Editor